चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से नसबंदी में पुरुषों का योगदान बढ़ाने के लिए 21 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। 'स्वस्थ मां, स्वस्थ बच्चा, जब पति का हो परिवार नियोजन में योगदान अच्छा पखवाड़े की थीम रहेगी। 21 नवम्बर 2024 से शुरु हुआ पुरुष नसबंदी पखवाड़ा 4 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इसके अंतर्गत 21 से 27 नवम्बर से आयोजित पहले सप्ताह में मोबिलाईजेशन सप्ताह व 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक दूसरे सप्ताह में सेवा वितरण सप्ताह मनाया जाएगा।

सीएमएचओ डॉ. ओ पी सामर ने बताया कि राज्य में परिवार कल्याण सेवाओं में अपेक्षित प्रगति एवं महत्वपूर्ण संकेत उच्च प्रजनन दर 2.0 प्राप्त करने के बाद अभी भी महिलाएं परिवार नियोजन की जिम्मेदारी प्रमुख रूप से उठाती है, जबकि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बराबर होनी चाहिए। ऐसे में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने एवं नसबंदी के तरीकों जैसे पुरुष नसबंदी व कंडोम के उपयोग को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के क्रम में 21 से 27 नवंबर तक पुरुष नसंबदी पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें पुरुष नसबंदी संबंधी जन-जागरूकता की जाएगी। वहीं 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक सेवा वितरण सप्ताह चलेगा, जिसमें नसबंदी शिविर, कंडोम वितरण आदि के साथ अन्य परिवार कल्याण संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे।

एसीएमएचओ डॉ. महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया की पहले चरण में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्तक देंगे और योग्य दंपतियों को सीमित परिवार रखने के लाभ सहित विवाह की सही आयु, विवाह पश्चात कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले एवं दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर, प्रसवोत्तर परिवार कल्याण सेवाएं, पुरूषों की परिवार नियोजन में सहभागिता, गर्भपात पश्चात परिवार कल्याण सेवाओं और अंतरा इंजेक्शन के बारे में संपूर्ण जानकारी देकर उन्हें इन सेवाओं से लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया जाएगा। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि पुरुष नसबंदी सबसे सुरक्षित व आसान तरीका है। पुरुष नसबंदी में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं। आवश्यकता पडऩे पर नस को पुन: जोड़ा जा सकता है। आमजन परिवार कल्याण संबंधी जागरूकता सामग्री सोशल मीडिया के माध्यम से यानि विभागीय फेसबुक पेज आईईसी बूँदी के टिवटर, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर देख सकते हैं