सितंबर 2022 में कांग्रेस के 81 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के मामले हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की पीठ ने मामले की सुनवाई की. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कांग्रेस के 6 नेताओं को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा. कोर्ट ने शांति धारीवाल, महेश जोशी, रफीक खान, संयम लोढ़ा, महेंद्र चौधरी और रामलाल जाट को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा है. 2 साल पहले हुए कांग्रेस विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के मामले में भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पिछले साल विधानसभा सचिवालय ने यह कहा था कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे, इसलिए उसे स्वीकार नहीं किया गया. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने 6 नेताओं से जवाब मांगा है. जवाब मिलने के बाद मामले की अगली सुनवाई होगी. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि गहलोत सरकार को बचाने के लिए 81 विधायकों के त्यागपत्र षड़यंत्रपूर्वक ले लिए गए थे. 25 सितंबर को विधायकों ने यह कहकर त्यागपत्र दिए गए कि वह पद पर रहना नहीं चाहते हैं. उसके बाद यह कहकर वापस लिए, वह इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे. यह इस्तीफे संयम लोढ़ा, महेंद्र चौधरी, शांति धारीवाल, महेश जोशी समेत 6 विधायकों ने इस्तीफे लिए थे. कोर्ट ने 6 विधायकों को पक्षकार बनाया और नोटिस इश्यू किया है. राठौड़ ने कहा कि अगर इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे तो आखिर इस्तीफे किनके दबाव में हुए, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही इस्तीफे के बाद इन विधायकों को जो वेतन भत्ता दिया गया है, उसकी भी रिकवरी होनी चाहिए. राठौड़ ने कहा कि अगर इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे तो आखिर इस्तीफे किनके दबाव में हुए, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही इस्तीफे के बाद इन विधायकों को जो वेतन भत्ता दिया गया है, उसकी भी रिकवरी होनी चाहिए.