अमेरिका में रिश्वत देने के आरोप में घिरे अडाणी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बांग्लादेश में शेख हसीना के PM रहते अडाणी ग्रुप के साथ हुए पावर एग्रीमेंट की जांच के लिए एक एजेंसी गठित करने की सिफारिश की गई है। अंतरिम सरकार की तरफ से गठित समिति ने इस एजेंसी के गठन की सिफारिश की है। साथ ही शेख हसीना के पीएम रहते हुए छह अन्य बड़े एनर्जी और पावर एग्रीमेंट के जांच की भी मांग की गई है।एक आधिकारिक बयान में कहा गया- पावर, एनर्जी और खनिज संसाधन मंत्रालय की समीक्षा समिति ने 2009 से 2024 तक पावर प्रोडक्शन एग्रीमेंट को लेकर किए गए समझौते की जांच के लिए एजेंसी नियुक्त करने की सिफारिश की है।अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया- समीक्षा समिति सात प्रमुख एनर्जी और पावर प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रही है। इसमें अडाणी (गोड्डा) BIFPCL 1234.4 मेगावाट कोल फायर्ड प्लांट भी शामिल है। छह अन्य समझौतों में से एक चीनी कंपनी के साथ हुआ है, जिसने 1320 मेगावाट का कोल फायर्ड इलेक्ट्रिसिटी प्लांट बनाया है।बयान में यह भी कहा गया है कि समिति ने कई सबूत जुटाए हैं, जिनके आधार पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों और प्रक्रियाओं के मुताबिक समझौतों को रद्द या पुनर्विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा कई अन्य कॉन्ट्रेक्ट की जांच के लिए एक्स्ट्रा टाइम मांगा गया है।