महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व महायुति की महाविजय के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसी तरह की लड़ाई के आसार अब कम ही हैं। भाजपा ने अकेले 133 सीटें लाकर सहयोगी दलों के दबाव को पूरी तरह से टाल दिया है। भाजपा ऐसी स्थिति में है कि वो निर्दलीयों के सहारे भी सरकार बना सकती है। माना जा रहा है कि इस हालात में एकनाथ शिंदे और अजित पवार किसी तरह की प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं कर पाएंगे। हालांकि, तीनों दलों में जिस तरह से चुनाव के दौरान तालमेल देखने को मिला, उससे सब कुछ मिल बैठकर सहजता से तय होने के आसार दिखते हैं। शानदार नतीजों के बाद भाजपा एक बार फिर अपना मुख्यमंत्री बनाने की स्थिति में आ गई है। देवेंद्र फडणवीस सबसे प्रबल दावेदार हैं। अगर उन्हें पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर किसी नई जिम्मेदारी के लायक समझती है तो फिर किसी नए ओबीसी चेहरे पर पार्टी दांव भी खेल सकती है।भाजपा ने 89 प्रतिशत की स्ट्राइक रेट के साथ 148 में से 133 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया तो एकनाथ शिंदे नेतृत्व शिवसेना ने 81 में से 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 59 में 41 सीट जीतने में सफल रही। भाजपा रणनीतिकारों ने शुरू से कम से कम 100 सीट जीतने की कोशिश थी ताकि मुख्यमंत्री पद पर गठबंधन में किसी तरह की दबाव की राजनीति न झेलनी पड़े। नतीजों में भाजपा को उम्मीदों से भी ज्यादा सफलता मिली है। चूंकि शिंदे और अजित पवार आज जिस मजबूत स्थिति में पहुंचे हैं, उसके पीछे भाजपा का ही सपोर्ट है, ऐसे में दोनों सहयोगी दल किसी तरह की टकराव की जगह भाजपा के बनाए रोडमैप पर ही चलेंगे, ऐसा जानकारों का कहना है।
महाराष्ट्र का सीएम कौनः भाजपा की स्ट्राइक रेट ने टाली मुख्यमंत्री की कुर्सी पर लड़ाई, पार्टी ओबीसी चेहरे पर खेल सकती है दांव
