राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने इतिहास रच दिया है. भाजपा को 7 में पांच सीटों पर जीत मिली. जबकि कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी को एक-एक सीट पर जीत मिली. उपचुनाव के नतीजों के साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश में भाजपा के सुपर हीरो बनकर उभरे हैं. भाजपा को 5 सीटों पर मिली जीत ने यह तय किया कि प्रदेश की जनता भजनलाल शर्मा के काम-काम से खुश हैं. इस उपचुनाव को भाजपा सरकार का लिटमस टेस्ट भी माना जा रहा था. जिस तरह के नतीजे आए उनसे यह साफ कर दिया कि सीएम शर्मा इस अग्निपरीक्षा में सफल हुए हैं. उपचुनाव में भाजपा की जीत के सबसे बड़े हीरो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बनकर उभरे. राजस्थान की जनता ने मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार के कामकाज पर भरोसा जताया. 11 महीने के कामकाज पर जीत की मुहर लगाई. इस उपचुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा ने शुरू से ही नेतृत्वकर्ता बनकर चल रहे थे. प्रत्याशियों के चयन के साथ-साथ चुनाव प्रचार और बागियों तक को मनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. सीएम भजनलाल  शर्मा का माइक्रो मैनेजमेंट चुनाव में जीत का सबसे बड़ा फैक्टर रहा. उपचुनाव में ज़मीनी और जिताऊ चेहरे ढूँढना भाजपा की सबसे चुनौती थी. मुख्यमंत्री ने संगठन के मुखिया मदन राठौड़ के साथ मिलकर सभी सीटों पर मजबूत प्रत्याशी उतारे. खींवसर, सलुम्बर, रामगढ़ और झूंझूनु चार सीटों पर बागियों को भी सीएम मनाने में कामयाब.