अभी देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 7000 के करीब है जिसमें से 80 फीसद महानगरों व बड़ी राजधानियों में है। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक इनकी संख्या 17500 करने का लक्ष्य रखा है। नए खोले जाने वाले स्टेशन ज्यादा गैर-महानगरों में खोले जाएंगे। छोटे व मझोले शहरों में नये सीएनजी स्टेशन सीएनजी वाहनों की बिक्री भी काफी बढ़ा सकती है।
चर्चा तो इलेक्टि्रक वाहनों की हो रही है, लेकिन जमीन पर रंग सीएनजी का बिखर रहा है। अक्टूबर, 2024 में देश में सीएनजी वाहनों की बिक्री में 67 फीसद का इजाफा हुआ है। वर्ष 2023-24 के पहले छह महीनों की बात करें तो सीएनजी बिक्री में वृद्धि 43 फीसद की है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की कुल बिक्री में सीएनजी वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ कर 33 फीसद, दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हुंडई मोटर इंडिया में तकरीबन 15 फीसद हो गई है।
सीएनजी पर लोगों का बढ़ा भरोसा
हाल ही में बजाज आटो ने पहली सीएनजी बाइक लांच की है और कुछ ही दिनों में इसके 10 हजार के करीब बुकिंग हो गई है। यह रफ्तार फिलहार थमती नजर नहीं आ रही है। दैनिक जागरण ने सीएनजी वाहनों के भविष्य को लेकर पेट्रोलियम व नेचुरल गैस रेगुलेटर बोर्ड (पीएनजीआरबी) के चेयरमैन डॉ. अनिल कुमार जैन से लेकर मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया के शीर्ष अधिकारियों से बात की और सभी का मानना है कि सीएनजी वाहन अब देश के दूसरे व तीसरे श्रेणी के शहरों में तेजी से विस्तारित होंगे। जब तक देश में बिजली चालित कारों के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार ना हो जाए तब तक आम ग्राहकों का भरोसा सीएनजी पर बढ़ता ही रहेगा।
छोटे और मझौले शहरों में बढ़ेगी मांग
सरकारी अधिकारी भी बताते हैं कि सीएनजी का असली गेम अब शुरू होगा, क्योंकि सीएनजी स्टेशनों की संख्या अगले चार से पांच वर्षों में तेजी से छोटे और मझौले शहरों में बढ़ने वाली है। अभी देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 7000 के करीब है जिसमें से 80 फीसद महानगरों व बड़ी राजधानियों में है। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक इनकी संख्या 17,500 करने का लक्ष्य रखा है। नए खोले जाने वाले स्टेशन ज्यादा गैर-महानगरों में खोले जाएंगे। छोटे व मझोले शहरों में नये सीएनजी स्टेशन सीएनजी वाहनों की बिक्री भी काफी बढ़ा सकती है। मारुति सुजुकी के एमडी व सीईओ हिसाशी ताकेउची इसके लिए तीन प्रमुख कारण बताते हैं।