अतिवृष्टि से मकान ढहने के बाद दो माह से खुले में सो रहा गरीब परिवार
फाइलों में अटका मुआवजा,पीड़ित परिवार को मदद की दरकार
परिवार ने बीज निगम के पूर्व निदेशक को बतायी पीड़ा
बूंदी। अतिवृष्टि से मकान ढहने के बाद बूंदी गणेश बाग के सामने स्थित गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मकान ढहने के बाद पूरे परिवार को पिछले दो माह से अधिक समय से खुले में ही सोना पड़ रहा है।गणेश बाग के सामने स्थित मोहनलाल गोस्वामी का मकान 7 सितंबर 2024 को अतिवृष्टि में पूरी तरह ढह गया था। दो माह से यह परिवार सरकारी मुआवजे की आस में है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से वापस मकान नहीं बनवा पा रहे है। नगर परिषद और तहसील प्रशासन की ओर से सर्वे भी किया जा चुका है।लेकिन मुआवजा सरकारी प्रक्रिया में उलझकर रह गया है।
निगम के पूर्व निदेशक को बतायी पीड़ा
सोमवार को पीड़ित परिवार ने राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक पीसीसी सदस्य चर्मेश शर्मा से मदद मांगते हुए अपनी पीड़ा बतायी। शर्मा ने मौके पर पहुंच पर पीड़ित परिवार के हालत देखे तो पीड़ित परिवार की हालात देखकर वे खुद दुखी हो उठे।
मानसिक अवसाद में चली गयी माँ
मोहनलाल गोस्वामी के पुत्र राधेश्याम व गणेश ने बताया कि उनका परिवार पिछले दो माह से अधिक समय से खुले में ही कपड़ा बाँधकर रह रहा है।खुले में ही खाना बनाते है और सोते है।इस हादसे के बाद उनकी माँ सुध बुध खो बैठी है और अत्यधिक मानसिक अवसाद में चली गयी है।
प्रशासन की संवेदनहीनता
राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने कहा कि अतिवृष्टि से पीड़ित परिवार के मकान के ढहने के पर सर्वे के बावजूद दो माह बाद भी पीड़ित परिवार को सहायता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बहुत दुखद है कि परिवार को खुले में सोना पड़ रहा है और खुले में ही भोजन बनाकर रहना पड़ रहा है। इस पूरे मामले में प्रशासन की संवेदनहीनता सामने आ रही है।शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन को तत्काल पीड़ित परिवार को मुआवजा देना चाहिये अन्यथा उन्हें भी परिवार के साथ आंदोलन को मजबूर होना पड़ेगा।