रामगढ़ विषधारी में दूसरे राजा ने लगाई उम्मीदों की छलांग
पहली बार रामगढ़ में ट्रेंकुलाइज कर लाया गया नर बाघ

बून्दी। जिले के पर्यटन उत्सव बून्दी उत्सव के ठीक पहले रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया। सोमवार अलसुबह रामगढ विषधारी के दूसरे राजा के उम्मीदों की छलांग लगाए जाने से जिले सहित क्षेत्र के उन सभी वन्यजीव प्रेमियों में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी, जो पिछले दिनों बाघिन आरवीटीआर-2 के कंकाल मिलने से निराश थे।
राज्य के चौथे एवं तेजी से उभरते रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे पहली बार एक नर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर शॉफ्ट एन्क्लोजर में रिलीज किया गया। इससे पूर्व अब तक यहां नर बाघ खुद चलकर आते रहे है। इससे पहले यहां 2 मादा बाघिन छोड़ी गई थी। नए बाघ को आरवीटी 4 के रूप में पहचाना जाएगा और उम्मीद है कि इसे जल्दी ही खुले जंगल मे छोड़ दिया जाएगा। वहीं एक बाघिन को दूसरे राज्य से लाने की भी वन विभाग तैयारी कर रहा है।


हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रेंकुलाइज

जिले के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ के रूप में नया राजा मिल गया है। सरिस्का टाइगर रिजर्व से बाहर निकले टाइगर 2303 को रविवार शाम हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रेंकुलाइज करने के बाद उसे रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट करने के लिए टीमें रवाना हो गई। यह नर बाघ करीब साढ़े तीन साल का युवा एवं काफी हष्टपुष्ट बाघ है। वन्यजीव प्रेमियों ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में रामगढ़ में यह बाघ कुनबा बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। पूर्व में रणथंभौर से खुद चलकर आया बाघ आरवीटी 1 रामगढ़ विषधारी  में मौजूद है। अब हरियाणा के झाबुआ से एक और बाघ आने से टाइगर रिजर्व में दो नर, एक मादा व दो मादा शावक हो गई है। जल्दी ही एक मादा बाघिन के भी शिफ्ट होने की संभावना है।


एक साल से टेरिटरी के लिए भटक रहा था बाघ
सरिस्का टाइगर रिजर्व का बाघ टी 2305  एक साल से टेरिटरी की तलाश में भटक रहा था। यह बाघ दो बार सरिस्का से बाहर निकल चुका था और वन विभाग के लिए इसकी मॉनिटरिंग चुनौती बनी हुई थी। कई बार इसे ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे इसे ट्रेंकुलाइज किया गया है और रामगढ के लिए रवाना हो गए है।

विशेष टीम के जरिए रखी जाएगी बाघ पर नजर
रामगढ़ अभयारण्य के डीएफओ संजीव शर्मा ने बताया कि बाघ को सरिस्का से ट्रैंकुलाइज कर सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे बूंदी लाया गया। उसे बजालियां के सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा गया हैं। छोड़े जाने पर बाघ तेजी से दौड़ा और दहाड़ता हुआ अभयारण्य के अंदर चला गया। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम लगाई गई है, जो समय-समय पर बाघ की रिपोर्ट देगी। इससे पहले रणथंभौर से खुद ही आएं एक बाघ ने रामगढ़ विषधारी में अपनी टेरेटरी बना ली हैं। सोमवार को रिलीज किया गया बाघ 2303 पहला बाघ है, जिस ट्रैंकुलाइज कर यहां लाया गया है।


बाघिन का कंकाल मिलने से छाई थी मायूसी

पिछले दिनों रामगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन आरवीटीआर-2 का कंकाल मिलने के साथ ही उसके दो शावकों के भी लापता होने की खबर मिली थी। हालांकि, कुछ दिनों बाद शावकों की तस्वीरें कैमरों में कैद होने पर रामगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी।  लेकिन बाघिन की मौत का रहस्य अब तक सुलझ नहीं पाया है। बाघिन आरवीटीआर-2 का कंकाल मिलने के मामले में विभागीय जांच चल रही हैं।
बाघ की सुरक्षा पर ध्यान देने की मांग
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सोमवार को नर बाघ को शॉफ्ट एन्क्लोजर में छोड़ जाने के बाद टाइगर रिजर्व में बाघों का कुलबा बढ़ने के आसार हो गए हैं। वहिं भविष्य में एक मादा बाघ को भी यहां पर शिफ्ट करने की कार्यवाही चल रही है। जिसे लेकर वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह देख गया हैं, लेकिन वहीं वन्यजीव प्रेमी इनकी सुरक्षा को लेकर आशंकित भी हैं। इन्होंने बाघों की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग को मजबूत करने सहित तकनीकी संसाधनों को बढ़ाने की मांग की हैं। तलवास ग्राम विकास समिति के सख्चिव मूलचंद शर्मा ने पत्र के माध्यम से बाघों सहित वन्यजीवों व वन कार्मिकों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करने की मांग की हैं।