शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीबड़े मथुराधीश मंदिर पर देव प्रबोधिनी एकादशी मंगलवार को पाटनपोल स्थित मंदिर पर मनाई जाएगी। इस दौरान प्रभु की पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार श्रृंगार, राग और भोग की सेवा की जाएगी। प्रथम पीठ युवराज श्रीमिलन बावा ने बताया कि संध्या आरती के समय देव उठाए जाएंगे। इस दौरान श्रीठाकुरजी मंडप में विराजेंगे। जिसके बाद पूरी रात जागरण होगा। बुधवार को तड़के 2 बजे मंगला आरती और 5.30 बजे राजभोग के दर्शन होंगे। 

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मिलन बावा ने बताया कि प्रबोधिनी एकादशी से प्रभु के भोग और वस्त्र सेवा में बदलाव हो जाएगा। शीतकाल में प्रभु को सिंहासन पर रुई की गादी बिछाई जाएगी तथा रुई की ओढ़नी ओढाई जाएगी। वहीं गोपीवल्लभ भोग, केसर पेठा, जायफल, गन्ने का रस, बैंगन का भर्ता, रतालु, शकरकंद समेत अन्य राजभोग धराए जाते हैं। अंबर, हिना के सुगंधित इत्र भी धराए जाएगी तथा श्रीठाकुरजी के सम्मुख सिगड़ी रखना भी प्रारम्भ हो जाएगा।

दूसरे दिन बुधवार द्वादशी को प्रथम गृह के आदि गृहाधीरश्वर श्रीगिरधरजी का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन श्रीठाकुरजी का भारी श्रृंगार किया जाएगा। वहीं बधाई गाई जाएगी। ठाकुरजी जी के सम्मुख गिरधरलाल जी की कुंडली का वाचन किया जाएगा। इस दौरान दोनों दिन प्रभु के दर्शनों के समय में भी बदलाव किया गया है। 

यह रहेगा दर्शन का समय:

*12 नवम्बर 2024*

मंगला: 7 बजे से 7.30 बजे 

राजभोग: 10.45 बजे

*उत्थापन: 5 बजे से 5.30

(*भोग आरती के दर्शन नहीं होगे*।)

शयन: 7.30 से 8.30 बजे तक 

जागरण 10 बजे 

*13 नवम्बर 2024, बुधवार*

मंगला: तड़के 2 बजे

राजभोग: प्रातः 5.30 बजे

उत्थापन: अपराह्न 3 बजे

भोग आरती शामिल: 4 बजे

शयन: शाम 5.30 बजे