कोटा में 10 नवंबर को पेरिनेटल कॉन्फ्रेंस 2024 का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 200 से अधिक डॉक्टर शामिल होंगे। यह महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस श्रीजी हॉस्पिटल द्वारा आयोजित की जा रही है, जो हरियाली रिसॉर्ट, कोटा में होगी। इस कॉन्फ्रेंस में कोटा, बूंदी, झालावाड़, जयपुर, भीलवाड़ा, भानवांमंडी, मुंबई और अन्य शहरों से चिकित्सा विशेषज्ञ अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे।

यह कॉन्फ्रेंस उन चिकित्सकों के लिए एक विशेष मंच प्रदान करती है जो प्रेग्नेंसी और नवजात देखभाल, मातृ स्वास्थ्य और बच्चों के मानसिक विकास के क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाने का उद्देश्य रखते हैं। यहां विभिन्न महत्वपूर्ण चिकित्सा विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें डॉक्टरों को न सिर्फ नए अनुसंधानों की जानकारी मिलेगी, बल्कि उन्हें अपनी विशेषज्ञता में सुधार के भी अवसर प्राप्त होंगे।

कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह शाम 4:00 बजे दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण के साथ शुरू होगा। इस मौके पर कोटा के प्रतिष्ठित डॉक्टरों में डॉ. अमृता मयंगर, डॉ. ऋतिका माथुर, डॉ. नीता जिंदल, डॉ. एमपी सिंह, डॉ. दीपशिखा जैन, डॉ. दीपक मित्तल, डॉ संजय जैन, डॉ सी.बी दास गुप्ता, डॉ दीपेन्द्र शर्मा, डॉ सुरेश लालवानी, डॉ अनुराधा अग्रवाल, डॉ प्रिया गुप्ता, डॉ कीर्ति नागर, डॉ गुरनुर, डॉ प्रियंका माहेश्वरी और अन्य प्रमुख अतिथि उपस्थित रहेंगे।

कॉन्फ्रेंस में विभिन्न चिकित्सा विषयों पर कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में कुछ प्रमुख विषय शामिल हैं:

1. रिपीटेड प्रेग्नेंसी लॉस और LMWH

डॉ. राजश्री गोहडकर, जो प्रेग्नेंसी लॉस और गर्भावस्था संबंधी कठिनाइयों पर अपनी विशेषज्ञता रखती हैं, इस सत्र में रिपीटेड प्रेग्नेंसी लॉस की समस्या पर अपने अनुभव साझा करेंगी। यह सत्र विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी साबित होगा जिनकी प्रेग्नेंसी में बार-बार समस्या आती है। डॉ. गोहडकर LMWH (Low Molecular Weight Heparin) के उपयोग पर भी विस्तार से चर्चा करेंगी। यह एक ऐसा उपचार है जो प्रेग्नेंसी में होने वाली जटिलताओं को कम करने में सहायक माना जाता है। LMWH गर्भावस्था के दौरान रक्त के थक्के को रोकने में मदद करता है और इस प्रकार प्रेग्नेंसी लॉस की संभावना को कम करता है।

2. पेरिनेटोलॉजी में नवीनतम नवाचार

सत्र का नेतृत्व डॉ. अरुण सिंह करेंगे, जो AIIMS, जोधपुर में Neonatology विभाग के प्रमुख हैं और पूर्व में IPGMER, कोलकाता में इसी विभाग के प्रमुख रह चुके हैं। डॉ. सिंह ने RBSK (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के संस्थापक और मुख्य तकनीकी सलाहकार के रूप में भी सेवाएं दी हैं और वर्तमान में मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और हैदराबाद के लिए तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। इस सत्र में डॉ. सिंह पेरिनेटोलॉजी में हुए नए नवाचारों और उन्नत उपचार विधियों पर चर्चा करेंगे। वे बताएंगे कि कैसे ये नए नवाचार नवजातों की देखभाल और उपचार में सहायक हैं और इनसे नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और उनकी जीवन-गुणवत्ता में कैसे सुधार किया जा सकता है।

3. न्यूरोडेवलपमेंटल ग्रोथ में अर्ली स्टिमुलेशन थेरेपी

Kota Heart & Shriji Hospital की निदेशक डॉ. नीता जिंदल Early Stimulation Therapy के महत्व और इसके बच्चों के विकास पर प्रभाव के बारे में चर्चा करेंगी। Early Stimulation Therapy एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग की जाती है। यह थेरेपी विशेष रूप से उन बच्चों के लिए लाभदायक मानी जाती है जो विकास में थोड़ी धीमी गति से बढ़ते हैं। डॉ. जिंदल अपने अनुभव साझा करेंगी और इस थेरेपी के प्रभावी होने के पीछे के वैज्ञानिक तथ्यों पर भी प्रकाश डालेंगी।

4. उम्रदराज महिलाओं में मातृत्व प्रबंधन

Neelkanth Group of Hospitals की डायरेक्टर और फाउंडर डॉ. सिम्मी सूद उम्रदराज महिलाओं में मातृत्व प्रबंधन के विषय पर चर्चा करेंगी। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, गर्भावस्था के दौरान जोखिम भी बढ़ जाते हैं। इस सत्र में चर्चा होगी कि कैसे उम्रदराज महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं को नियंत्रित किया जा सकता है और मातृ स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है।

5. ऑटिज्म के रेड फ्लैग्स

AIIMS, दिल्ली में Pediatric Neurology विभाग की प्रोफेसर डॉ. शेफाली गुलाटी इस सत्र में बच्चों में ऑटिज्म के शुरुआती संकेतों पर चर्चा करेंगी। ऑटिज्म के शुरुआती लक्षणों की पहचान और उसके बारे में जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण होती है ताकि सही समय पर इलाज शुरू किया जा सके। इस सत्र में डॉक्टरों को उन संकेतों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जो माता-पिता और चिकित्सक बच्चों में ऑटिज्म के संकेतों के रूप में देख सकते हैं।

6. स्वस्थ प्रारंभ को बढ़ावा देना

सत्र का संचालन डॉ. स्नेहल देशपांडे द्वारा किया जाएगा, जो एक वरिष्ठ विकासात्मक और नवजात चिकित्सक हैं। वे Sneh Rehabilitation, Education and Research Centre (वाशी, चेंबूर, वडाला और ठाणे) की निदेशक भी हैं। इस सत्र में डॉ. देशपांडे स्वस्थ शुरुआत के महत्व पर चर्चा करेंगी और यह बताएंगी कि कैसे नवजात और शिशुओं के संपूर्ण विकास के लिए शुरुआती देखभाल और उचित थेरेपी महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली जानकारी से चिकित्सक यह समझ सकेंगे कि कैसे नवजातों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को प्रारंभिक चरण से ही स्वस्थ और मजबूत बनाया जा सकता है।

7 . नवजात की सम्पूर्ण स्क्रीनिंग

सत्र में, डॉ. मधुलिका कबरा, जो AIIMS, नई दिल्ली के Department of Pediatrics के Division of Genetics में प्रोफेसर हैं, नवजात शिशुओं की सम्पूर्ण स्क्रीनिंग के महत्व और प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देंगी। डॉ. कबरा बताएंगी कि Comprehensive Newborn Screening किस प्रकार से नवजात शिशुओं में विभिन्न आनुवंशिक और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का शीघ्रता से पता लगाने में सहायक है। इस प्रक्रिया से नवजातों की स्वास्थ्य समस्याओं का प्रारंभिक चरण में ही पता लगाया जा सकता है, जिससे समय पर उपचार शुरू करके बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

8. ऑब्स्टेट्रिक्स में क्रिटिकल केयर

वरिष्ठ गाइनोकोलॉजिस्ट और इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. प्रिया गुप्ता गर्भावस्था के दौरान क्रिटिकल केयर के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार साझा करेंगी। गर्भावस्था में महिलाओं को कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जो उनके और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए जोखिमपूर्ण होती हैं। इस सत्र में डॉ. गुप्ता क्रिटिकल केयर के तरीके और उपचार पर ध्यान देंगी, जो गर्भावस्था में महिलाओं के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक होते हैं।

कार्यक्रम का समापन रात 9:00 बजे धन्यवाद ज्ञापन के साथ होगा, जहां डॉक्टर आपस में अपने अनुभव साझा करेंगे और नेटवर्किंग का अवसर प्राप्त करेंगे। यह पेरिनेटल कॉन्फ्रेंस प्रेग्नेंसी, नवजात देखभाल, मातृ स्वास्थ्य और बच्चों के मानसिक विकास के क्षेत्र में चिकित्सकों को नई जानकारियों से अवगत कराएगा। यह कार्यक्रम मेडिकल प्रोफेशनल्स के बीच नए दृष्टिकोणों, इनोवेशन और समाधान की खोज को प्रोत्साहित करेगा, जिससे वे अपने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकें।

यह पेरिनेटल कॉन्फ्रेंस विशेष रूप से उन चिकित्सकों के लिए आयोजित की जा रही है जो प्रेग्नेंसी और नवजात देखभाल, मातृ स्वास्थ्य और बच्चों के मानसिक विकास में अपनी विशेषज्ञता को और भी गहरा करना चाहते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल चिकित्सकों को नवीनतम चिकित्सा शोध और विधियों से अवगत कराना है, बल्कि यह भी है कि उन्हें अपने मरीजों के इलाज में इन नवाचारों का लाभ कैसे उठाना है। इसके अलावा, यह कॉन्फ्रेंस चिकित्सकों के बीच नए दृष्टिकोणों और समाधानों की खोज को प्रोत्साहित करेगी। श्रीजी हॉस्पिटल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सकों के बीच संवाद को बढ़ावा देना और चिकित्सा के क्षेत्र में ज्ञान का आदान-प्रदान करना है।

पेरिनेटल कॉन्फ्रेंस 2024 इस क्षेत्र के चिकित्सकों के लिए एक विशेष आयोजन है, जिसमें विभिन्न चिकित्सा मुद्दों पर शोध और चर्चा को प्राथमिकता दी जाएगी। यह कार्यक्रम एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां डॉक्टर न केवल चिकित्सा के नवीनतम शोध और प्रगति से परिचित हो सकते हैं, बल्कि एक दूसरे के अनुभवों से भी सीख सकते हैं। डॉक्टरों के लिए यह एक अनमोल अवसर है जो न केवल उनके ज्ञान को बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें मरीजों के लिए उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने में भी सक्षम बनाएगा।

इस प्रकार, पेरिनेटल कॉन्फ्रेंस 2024 चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो न केवल चिकित्सकों को विभिन्न मुद्दों पर गहन जानकारी प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें एक बेहतर भविष्य की दिशा में सोचने के लिए भी प्रेरित करेगा।