राजस्थान में सात सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस को बगावत से ज्यादा भितरघात और असहयोग का सामना करना पड़ रहा है। कई सीटों पर भितरघात की शिकायतें दोनों ही दलों के प्रदेश नेतृत्व तक पहुंची हैं। दोनों ही दलों के प्रमुख नेता डैमेज कन्ट्रोल में जुट गए हैं। भाजपा में सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, तीनों सह प्रभारियों ने मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा में भितरघात की शिकायतें कम है, जबकि कांग्रेस में शिकायतें ज्यादा सामने आई हैं।भाजपा ने टिकट वितरण के बाद हुई बगावत को तो नियंत्रण में कर लिया। जो भी बड़े नेता बगावत पर उतरे थे, उनसे सीएम शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने उन्हें मना लिया है। हालांकि कुछ सीटों पर अंदर खाने विरोध है। सूत्रों के अनुसार, दौसा और झुंझुनूं विधानसभा सीट पर अंदरखाने नाराजगी और असहयोग की शिकायतें ज्यादा हैं। दौसा और झुंझुनूं सीट पर स्थानीय कुछ पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ सामाजिक संगठन पार्टी प्रत्याशी के साथ खुलकर अभी तक नहीं आए हैं। पार्टी के पास खींवसर, रामगढ़, देवली-उनियारा और सलूम्बर में किसी तरह की शिकायत सामने नहीं आई है, लेकिन पार्टी ने इन सीटों पर भी नजरें गड़ा रखी हैं। जयपुर से बड़े नेता विधानसभा क्षेत्रों में लगातार बातचीत कर फीडबैक ले रहे हैं।टिकट से वंचित कार्यकर्ता और नेताओं की नाराजगी खुलकर तो सामने नहीं आ रही है, लेकिन अंदरखाने नाराजगी बरकरार है। इसके चलते प्रत्याशियों को सहयोग नहीं मिल रहा। कुछ प्रत्याशियों ने इसकी शिकायत पार्टी के बड़े नेताओं और पीसीसी में की है। भितरघात और नेताओं के असहयोग की शिकायतें मिलने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के सह प्रभारियों और कॉर्डिनेशन कमेटियों के सदस्यों को बातचीत कर उनके गिले-शिकवे दूर करने को कहा है। प्रचार के दौरान प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी नाराज चल रहे नेताओं से बात करेंगे। नाराज चल रहे नेताओं को मनाने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी या फिर जिले में अहम पद दिए जाने का आश्वासन देने को कहा गया है।दौसा, खींवसर, झुंझुनूं, देवली-उनियारा और सलूम्बर सीट पर असहयोग और भितरघात की शिकायतें ज्यादा हैं। दौसा में 10 से ज्यादा नेता टिकट मांग रहे थे। खींवसर में भी भाजपा से कांग्रेस में आए सवाई सिंह की पत्नी को टिकट दिए जाने से नाराजगी है। झुंझुनूं में ओला परिवार को ही टिकट दिए जाने से कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं। सलूम्बर में पूर्व सांसद रघुवीर मीना और उनके समर्थकों की नाराजगी सामने आई थी।