शिक्षक मनीष मीना की हत्या से आक्रोशित मीणा समाज के लोगों ने लगाया जाम
आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग, एक करोड़ की आर्थिक सहायता का ज्ञापन सौंपा
बूंदी हिंडोली विधायक ने पुलिस प्रशासन पर लगाए लापरवाही बरतने के आरोप
बूंदी। शहर के लंका गेट रोड पर सोमवार रात को एक ढाबे पर मामूली कहासुनी के मामले में हुई शिक्षक मनीष मीना की हत्या से आक्रोशित मीना समाज व ग्रामीण रात को ही सड़क पर उतर गये। उन्होंने कलेक्ट्रेट के बाहर पड़ाव डाल दिया और पूरी रात वहीं डटे रहे। मंगलवार सुबह जैसे जैसे लोगों को सूचना मिली वे प्रदर्शन में शामिल होते गए। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट के बाहर रास्ता जाम कर दिया जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित रहा।बड़ी संख्या में शामिल प्रदर्शनकारी शिक्षक मनीष मीना को न्याय दो, हत्यारों को फांसी दी, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद आदि के नारे लगा रहे थे। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात रहा। जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक सहित थानाधिकारी व जवान बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस दौरान कई बार वार्ता के प्रयास भी हुए लेकिन बात नहीं बन सकी।
प्रदर्शनकारी जिला कलेक्टर को बाहर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान शिक्षक मनीष मीना के शव का पोस्टमार्टम भी रुका रहा। पुलिस व आक्रोशित लोगों के बीच मामूली झड़प भी हुई। दोपहर 2 बजे अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे जहां समाज के गणमान्य नागरिकों ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गुतक शिक्षक के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने और हत्यारों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की गई। जिस पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे तथा आर्थिक सहायता के लिए सरकार को पत्र भेजा जाएगा। इसके बाद लोगों ने जाम हटा दिया।दूसरी और शिक्षक मनीष मीना का पोस्टमार्टम गठित बोर्ड द्वारा किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।इस अवसर पर मीना समाज के कार्यकारी जिलाध्यक्ष जोधराज मीणा, पूर्व जिला अध्यक्ष आनंदीलाल मीणा, रामेश्वर मीणा लाडपुर, पूर्व जिला प्रमुख महावीर मीणा, शिक्षक संघ पंचायत राज के जिला अध्यक्ष गोपाल मीणा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
पुलिस प्रशासन पर लगाया आरोप
शिक्षक की शहर में सरेआम हत्या करने वालों के खिलाफ पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है वहीं समाज के लोगों ने पुलिस पर मामले में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है परिवार का आरोप है कि पुलिस अगर समय पर पहुंच जाती तो शायद समाज का बेटा बच सकता था। अत्यधिक खून बह जाने के कारण उसकी मौत हुई है। उसे समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया न ही उसे समय पर इलाज मिला। समाज के लोगों का आरोप है की पूरा पुलिस प्रशासन लोकसभा अध्यक्ष के कार्यक्रम में व्यस्त था वहीं पीछे से आरोपी खुलेआम बेखौफ इस घटना को अंजाम दे रहे थे।
प्रशासन पूरी तरह विफल - शर्मा
विधायक हरिमोहन शर्मा भी मौके पर पहुंचे और प्रशासन को आड़े हाथों लिगा। उन्होंने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है। यदि पुलिस सक्रिय रहती तो आरोपी रात को ही गिरफ्तार हो जाते। उन्होंने मृतक के आश्रितों को एक करोड़ रूपये की राज्य सरकार से आर्थिक सहायता दिलवाने और आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की बात कही। शर्मा ने कहा कि जिले में असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ रही है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
शिक्षक की सरेआम हत्या अत्यंत दुखद - चांदना
हिंडोली विधायक पूर्व मंत्री अशोक चांदना ने भी मामले को लेकर दुख व्यक्त किया है तथा इसे पुलिस प्रशासन की विफलता माना है। विधायक चांदना ने कहा कि सरेआम एक शिक्षक की हत्या हो जाना बूंदी में कानून व्यवस्था की पोल खोल रही है।उन्होंने बूंदी पुलिस से आग्रह किया कि मामले में संज्ञान लेकर पीड़ित परिवार के साथ न्याय करें जिससे आमजन में विश्वास कायम हो सके l वहीं शिक्षक संघ ने भी शिक्षक की हत्या को लेकर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग का जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है।