नागौर की खींवसर सीट पर उपचुनाव से पहले भाजपा में हलचल हुई है। मंगलवार को पूर्व सांसद स्व. भंवर सिंह डांगावास के बेटे संजीव डांगावास ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। साथ ही उन्होंने जिला परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी।उन्होंने संगठन को लाचार बताया और कहा कि चलते-फिरते हर आदमी को सीएम के पास बैठा दिया जाता है। उन्होंने ज्योति मिर्धा को आयातित (बाहर से आया हुआ) नेता भी बताया। भाजपा के जिला परिषद सदस्य (वार्ड 12) एडवोकेट संजीव सिंह डांगावास ने पार्टी और जिला परिषद सदस्यता छोड़ने का ऐलान करते हुए पार्टी संगठन पर निशाना साधा। नागौर के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डांगावास ने कहा- जिला परिषद प्रमुख के चुनाव के समय 20 में से 15 सदस्य साथ थे, सबने कहा कि इन्हें (संजीव सिंह) को जिला प्रमुख बनाइए।उस समय कांग्रेस से भाजपा में आए हुए एक आदमी को जिला प्रमुख बना दिया। ये जिला प्रमुख पूरे जिले में कहीं भी घूमते हुए नजर नहीं आते। जिला परिषद में हमारे निष्ठावान कार्यकर्ताओं के काम नहीं हाे रहे। मंच पर सरपंच बैठते हैं और पुराने सीनियर कार्यकर्ता सामने नीचे बैठते हैं।आज स्थिति ये है कि हमारे काम नहीं हाे रहे। हम मजबूर हैं। हम गांव में जवाब देने लायक नहीं हैं। भाजपा छोड़ी है लेकिन कोई दूसरी पार्टी जॉइन नहीं कर रहा, राजनीति में सक्रिय रहूंगा। उन्होंने कहा- हमने 30 साल पार्टी की सेवा की। मिर्धाओं से दुखी होकर हम भाजपा को लाए थे। अब भाजपा है ही नहीं। अब यहां कांग्रेस ही फूल (कमल) हो गई है। यहां काम हो रहे हैं ज्योति मिर्धा के, अब ज्योति हमारे काम करेंगी या कांग्रेस से जिन्हें भाजपा में लेकर आई हैं, उनके काम करेंगी?भाजपा में जिसके पास आत्मसम्मान है, वो ज्योति के पास नहीं जाएगा, वो संगठन के पास जाएगा और संगठन लाचार है।

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