बाड़मेर, बाड़मेर जिले में रबी की फसलांे के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी एवं यूरिया उर्वरक उपलब्ध है। कृषकांे की मांग के अनुसार जिला कलक्टर ने राज्य स्तर से प्रयास करके बाड़मेर जिले के लिए उर्वरकांे की व्यवस्था करवाई है। बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर इफको कंपनी की ओर से डीएपी एवं यूरिया उर्वरक की एक-एक रैक आपूर्ति की गई है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डा.आर.बी.सिंह ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे रबी फसलों की बुवाई प्रारंभ हो चुकी है। बाड़मेर मंे प्रमुखता से डीएपी एवं यूरिया उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। उन्हांेने बताया कि कृषको की उर्वरक की मांग को देखते हुए जिला कलक्टर ने राज्य स्तर से प्रयास कर बाड़मेर जिले मे पर्याप्त मात्रा मे उर्वरकों की व्यवस्था करवाई है। इसके तहत इफको कंपनी की ओर से डीएपी एवं यूरिया उर्वरक की एक-एक रैक आपूर्ति की गई है। इन उर्वरको का वितरण बाड़मेर जिले के सहकारी क्षेत्र की क्रय विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकांेे को किया जाएगा। उन्हांेने बताया कि रैक से प्राप्त डीएपी एवं यूरिया के अतिरिक्त जिले में मौजूदा समय मंे डीएपी 502.76 मैट्रिक टन, यूरिया 12951 मैट्रिक टन, एसएसपी 609.75 मैट्रिक टन एवं एनपीके 323.55 मैट्रिक टन उपलब्ध है। जिले में मांग के अनुसार लगातार यूरिया एवं डीएपी उर्वरको की आपूर्ति सहकारी, सरकारी एवं निजी क्षेत्र की उर्वरक कंपनियांे की ओर से की जा रही है। संयुक्त निदेशक डा.आर.बी.सिंह ने बताया कि वर्तमान मे जिले मे किसी भी प्रकार के उर्वरकों की कोई कमी नही है। उन्हांेने किसानांे से आग्रह किया है कि वे पूरे मौसम के लिए डीएपी एवं यूरिया उर्वरक एक साथ क्रय नही करें। जिले मंे उर्वरकों की लगातार आपूर्ति की जाएगी। इससे उर्वरक की किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहेगी। उन्हांेने बताया कि कृषक अधिकृत उर्वरक विक्रेता से बिल के माध्यम से उर्वरक क्रय करे। आदान विक्रेताओ को निर्देशित किया गया है कि वे आवश्यक रूप से पोस मशीन के माध्यम से नियमित रूप से उर्वरकों का विक्रय करें। ताकि ऑनलाईन उर्वरको की उपलब्धता एवं बिक्री के साथ ही भौतिक रूप मे उपलब्ध स्टॉक की निगरानी प्रतिदिन की जा सके। उन्हांेने जीरा एवं सरसो फसल उत्पादक किसानों से अनुरोध किया है कि वे जीरा एवं सरसो फसल के लिए डीएपी उर्वरक के स्थान पर एक बैग यूरिया एवं तीन बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट का संयोजन कर उर्वरक का इस्तेमाल करें। इससे उपज में बढोतरी के साथ ही जीरा एवं सरसो फसल में तेल की मात्रा बढेगी। क्योंकि एसएसपी उर्वरक में 16 फीसदी फॉस्फोरस के साथ 11 फीसदी सल्फर पोषक तत्व भी उपलब्ध होता है। सल्फर के उपयोग से तेल वाली फसलों मे उपज के साथ-साथ तेल की मात्रा में बढोतरी होती है, जिससे उपज का अधिक मूल्य प्राप्त होता है।