जयपुर के प्रताप नगर स्थित ई-मित्र पर करीब 18 दिन पहले छापा मारा गया था। इसमें 16 निजी यूनिवर्सिटियों की फर्जी डिग्रियों के दस्तावेज मिले थे। अब तक की जांच के अनुसार इस फर्जीवाड़े में कई विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।आरोपी ई-मित्र संचालक और उसके दो साथियों ने पूछताछ में बताया कि आवेदकों से मार्कशीट, डिग्री, माइग्रेशन सर्टिफिकेट के रुपए सीधे विश्वविद्यालयों के बैंक खातों में ऑनलाइन जमा करवाते थे। इसके बदले में विश्वविद्यालय इन्हें कमीशन देते थे।एसआईटी जब जांच के लिए इन यूनिवर्सिटियों में पहुंची तो टीम को अंदर ही नहीं घुसने दिया। सर्च वारंट जारी के बाद टीम ने आगे की जांच शुरू की।एसआईटी को अब तक 700 से अधिक फर्जी तरीके से डिग्री देने का पता चला है। यानी 700 युवक बिना कॉलेज गए और कक्षा में बैठे ही डिग्री धारक हाे गए। एसआईटी डिग्रियों में दर्ज एनरोलमेंट नंबर को यूनिवर्सिटी में दर्ज नंबर से जांच करने में जुटी है।

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