सिंधी साहित्य से जिले में पहली बार हेमा जसोतानी ने प्रथम प्रयास में नेट के साथ पीएचडी और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए किया क्वालिफाइड
बूंदी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी द्वारा आयोजित नेट परीक्षा जून 2024 में सफलता प्राप्ति के साथ पूरे देश से सिंधी साहित्य में असिस्टेंट प्रोफेसर हेतु पांच और पीएचडी हेतु 6 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। उल्लेखनीय उपलब्धि बूंदी की बेटी हेमा जसोतानी पुत्री कन्हैया लाल जसोतानी के नाम रही है जिसका चयन असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी हेतु जारी सूची में हुआ है, प्रथम प्रयास में ही यह उपलब्धि प्राप्त करने वाली जिले में हेमा पहली उदाहरण बनी है। इस उपलब्धि के साथ उसने परिवार और समाज के साथ जिले का नाम रोशन किया है।
जिले में यह प्रथम उपलब्धि प्राप्त करने वाली हेमा महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की विद्यार्थी होने के साथ प्रतिष्ठित इंग्लिश विद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षिका हैं तथा बालिका सशक्तिकरण सहित स्काउट गाइड के सामाजिक सेवा कार्यों में भी सहभागी रहीं हैं। जसोतानी ने बताया कि सिंधी एक बहुत ही मीठी और प्यारी भाषा है। आज की नई पीढ़ी अपनी भाषा और बोली को ही भूलती जा रही है, जिससे उससे जुड़ी साहित्यिक विरासत से दूर हो हैं। इस गौरवमयी भाषा के महत्व को बढ़ावा देना, आगे आने वाली पीढ़ी को सिंधी साहित्य व भाषा के अमूल्य महत्व को स्थापित करना बहुत जरूरी है। वह अब पीएचडी के माध्यम से सिंधी भाषा, अमूल्य सिंधी साहित्य और संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु अनुसंधान करना चाहती है।