1. ट्रेन छुटी,तो घर से गाड़ी उठाकर,120 km से ले आये,चार दृष्टीबाधितों के लिये रौशनी
2. भवानी मंडी में एक नेत्रदान के लिए गये और वहीं,दूसरा भी हुआ सम्पन्न
3. दीपोत्सव पर्व से पूर्व,नेत्रों के दान से,अंधियारा जीवन,होगा रौशन
गुरुवार को देर रात 1 बज़े संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने कोटा में इबीएसआर बीबीजे चैप्टर के डॉ कुलवंत गौड़ को सूचना दी की,आबकारी विभाग के पास, टगर मोहल्ला निवासी,मेडिकल स्टोर व्यवसायी राधेश्याम सोनी का आकस्मिक निधन हुआ है और समाजसेवी के के राठी ने शोकाकुल परिवार के सदस्यों को राधेश्याम के नेत्रदान करवाने के लिए समझाइश की है, और उनसे सहमति प्राप्त हो गई है ।
सब कुछ उपयुक्त होने पर डॉ गौड़ रात दो बज़े ही तैयार होकर भवानीमंडी जाने के लिए कोटा जंक्शन जा पहुंचे, दुर्भाग्यवश उनकी वह ट्रेन छूट गई तो वापस घर आये, ड्राइवर की व्यवस्था नहीं हुई तो,खुद गाड़ी चलाकर सुबह जल्दी शोकाकुल परिवार के निवास पर 120 किलोमीटर दूर भवानी मंडी पहुंच गए, और परिवार के सभी सदस्यों के बीच में नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया ।
राधेश्याम की पत्नी संतोष सोनी,चिकित्सा विभाग में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं, बेटे महेश,राकेश,बेटी रजनी ,दामाद रवि सभी नेत्रदान के कार्य से परिचित थे, इसलिए तुरंत सहमति मिलने से नेत्रदान का पुनीत कार्य संपन्न हुआ ।
इसी नेत्रदान के दौरान सूचना प्राप्त हुई की,वसुंधरा विहार भवानी मंडी निवासी सेवानिवृत अध्यापक सत्य प्रकाश गुप्ता का भी आकस्मिक निधन देर रात को हुआ है । शहर के समाजसेवी श्याम चौधरी व सुदेश भटनागर ने सत्य प्रकाश की पत्नी रमिला (सेवानिवृत्त शिक्षिका), बेटे डॉ सपन,बेटियाँ रश्मि,रुचिता को सत्य प्रकाश जी के नेत्रदान करवाने का अनुरोध किया ।
जागरूक परिवार होने के कारण तुरंत ही, परिवार के सभी सदस्यों की ओर से सहमति मिल गई, भाई मनोज कुमार और पंकज माथुर सहित परिवार के सभी सदस्यों के बीच में डॉ कुलवंत गौड़ ने, सत्य प्रकाश जी के पार्थिव शरीर से नेत्र (पतली झिल्ली-कॉर्निया) संकलित किये ।
ईबीएसआर चेप्टर के कॉर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ ने कहा कि, कोटा के बाद भवानी मंडी क्षेत्र के निवासी, नैत्रदान के प्रति काफी जागरुक है । शोक कुल परिवार के सदस्य अब यह समझने लगे हैं कि दिवंगत के नेत्रदान ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है । ज्ञात होगी सभी की संस्थाओं और समाज सेवाओं के प्रेरणा से भवानी मंडी में अभी तक 119 नेत्रदान हो चुके हैं ।