जम्मू-कश्मीर के बारामूला में हुए आतंकी हमले को सेना की तरफ से पहली बार बयान सामने आया है। आर्मी की श्रीनगर में तैनात यूनिट चिनार कॉर्प्स ने स्टेटमेंट जारी कर कहा- पाकिस्तानी आतंकी घाटी में डर पैदा करना चाहते हैं। वे अब कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं। बारामूला में वर्कर्स पर हमला इसी बात का सबूत है।आर्मी के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एमके साहू ने कहा- सेना के वाहन पर गोलीबारी होने पर हमारे सैनिकों ने तेजी से जवाबी कार्रवाई की थी, जिससे आतंकवादियों को हथियार और बैग छोड़कर पीछे हटना पड़ा। वे एक नाले का फायदा उठाकर घने जंगल में भाग गए। अंधेरा होने के कारण आतंकियों को भागने में सफलता मिली।दरअसल, LoC के पास 24 अक्टूबर की देर रात सेना की गाड़ी पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था। इसमें 3 जवान शहीद हुए थे। साथ ही 2 पोर्टर वर्कर्स की भी मौत हुई थी। लेफ्टिनेंट कर्नल एमके सिंह ने कहा- भारतीय सेना राइफलमैन कैसर अहमद शाह और राइफलमैन जीवन सिंह की बहादुरी को सलाम करती है। दोनों ने गोली लगने के बावजूद आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया। दोनों शहीदों के साहस से और अधिक नुकसान नहीं हुआ। दोनों जवानों ने कश्मीर में पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे के खिलाफ अटूट साहस का परिचय दिया।हमले में बोनियार के जहूर अहमद मीर और उरी के मुश्ताक अहमद चौधरी ने भी देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। कश्मीर लगातार शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रहा है, लेकिन पाकिस्तानी आतंकवादी जानबूझकर घाटी में आतंक पैदा करने के लिए कश्मीरी स्थानीय लोगों को निशाना बना रहे हैं। आतंकवादियों की एकमात्र विचारधारा है 'घाटी में आतंक का राज' है।

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