बाड़मेर, 25 अक्टूबर। बाड़मेर जिले मे डीएपी उर्वरक की आपूर्ति के लिए शुक्रवार को नेशनल फर्टीलाईजर लिमिटेड कंपनी की एक रैक बाड़मेर रेलवे स्टेशन पहुंची। राज्य स्तरीय उर्वरक निरीक्षण दल को बाड़मेर प्रवास के दौरान जिला कलक्टर टीना डाबी ने डीएपी की कमी को पूर्ण करने के बारे में अवगत कराया था।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. आर.बी. सिंह ने बताया कि बाड़मेर जिले मे डीएपी उर्वरक की आपूर्ति के लिए एक रैक नेशनल फर्टीलाईजर लिमिटेड कम्पनी की आई है। इसमें 1100 मेट्रिक टन डीएपी में से अधिकांश बाड़मेर जिले को आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले मे रबी फसलों की बुवाई प्रारम्भ होने वाली है। अधिकांश कृषकों की ओर से डीएपी एवं यूरिया उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। उनके मुताबिक बाड़मेर जिले में मौजूदा समय में डीएपी 131.90 मेट्रिक टन, यूरिया 9040.45 मेट्रिक टन, एसएसपी 423.75 मेट्रिक टन एवं एनपीके 169.50 मेट्रिक टन उपलब्ध है। आगामी दिवसो मे चम्बल फर्टीलाईजर, ईफको एवं नेशनल फर्टीलाईजर लिमिटेड कम्पनी की ओर से भी डीएपी की आपूर्ति लगातार बाड़मेर जिले मे की जाएगी। इससे जिले मे डीएपी उर्वरक पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध रहेगा। उन्होने किसानों से आग्रह किया है कि पूरे मौसम का उर्वरक एक साथ क्रय नही करें। उर्वरकों की लगातार आपूर्ति जिले में होने से किसी भी प्रकार की कमी नही रहेगी। जीरा एवं सरसो फसल के लिए डीएपी उर्वरक के स्थान पर एक बैग यूरिया एवं तीन बैग सिंगल सुपर फॉस्फेट का संयोजन कर उर्वरक का प्रयोग करें। इससे उपज मे बढोतरी के साथ ही जीरा एवं सरसो फसल मे तेल की मात्रा बढेगी। क्योंकि एसएसपी उर्वरक मे 16 प्रतिशत फॉस्फोरस के साथ ही 11 प्रतिशत सल्फर पोषक तत्व भी उपलब्ध होता है। उन्होंने बताया कि सल्फर के उपयोग से तेल वाली फसलों मे उपज के साथ-साथ तेल की मात्रा में बढोतरी होती है, जिससे उपज का अधिक मूल्य प्राप्त होता है।