भारत की वजह से BRICS में तुर्किये की एंट्री नहीं हो पाई है, ये दावा जर्मन अखबार बिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में किया है। इसके मुताबिक तुर्किये ने BRICS का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया था, लेकिन भारत की वजह से इसे खारिज कर दिया गया।दरअसल, तुर्किये के पाकिस्तान के साथ करीबी संबंध हैं। कश्मीर मुद्दे पर वो कई बार भारत के खिलाफ बयान दे चुका है। हाल ही में BRICS समिट के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में कहा था कि संगठन की योजनाएं संस्थापक देशों की सर्वसम्मति से ही बननी चाहिए।PM मोदी के इस बयान के बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत के विरोध के चलते तुर्किये को BRICS की सदस्यता नहीं मिल पाई। BRICS समिट के दौरान अपने भाषण में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी कहा, नए देशों को शामिल किए जाने से पहले ये ध्यान रखा जाएगा कि इससे संगठन की कार्य क्षमता पर कोई असर न पड़े।इसकी वजह से नए आवेदनों को टाल दिया गया है।हालांकि तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 24 अक्टूबर को BRICS प्लस की समिट में हिस्सा लिया था। इस साल BRICS में चार नए देश ईरान, मिस्र, इथियोपिया और UAE जुड़े हैं।इस साल ईरान, मिस्र, इथियोपिया, UAE और BRICS में सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।