चेसिंग चार्म बूंदी चैप्टर प्रदर्शनी ने दिया बूंदी की विरासत बचाने का संदेश
छोटी काशी की विरासत ने जीता मुम्बई वासियों का दिल
बूंदी। मुम्बई जहांगीर आर्ट गैलरी में आयोजित हो रही सात दिवसीय चित्र प्रदर्शनी में लगे छोटी काशी बून्दी की विरासत के चित्रों को देख कर कला प्रेमी रोमांचित हो उठे। ऐसा अवसर दिखा 22 से 28 अक्टूबर तक आयोजित सोलो चित्र प्रदर्शनी में, जहां अंतरराष्ट्रीय चित्रकार विक्रांत शितोले द्वारा केनवास पर उकेरे गए बून्दी की विरासत के चित्रांकन को प्रदर्शित किया गया हैं। इन चित्रों में गढ़ किले, बावडी, हेरिटेज गालियां, कुंड व पूरा सम्पदा के चित्र लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। छोटी काशी बूंदी की विरासत पर आधारित इन चित्रों ने मुम्बई वासियों का दिल को जीत लिया।
चेंसिंग चार्म - बूंदी चेप्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन डायरेक्टर मीना नायक, डिजाइनर अच्युत पालव, उत्कर्ष वीर, सुपर्णा उत्कर्ष ने किया। इस अवसर पर बुकलेट चेसिंग चार्म बूंदी का विमोचन किया गया, जिसमें प्रदर्शनी में लगे चित्रों के साथ उनका इतिहास भी बताया गया है।
बूंदी प्रेरणा का एक निरन्तर स्त्रोत
चित्रकार विक्रांत ने बताया कि जब में प्रथम बार 2012 में बूंदी आया था तब यह कि खूबसूरत हेरिटेज गलियों हवेलियों व पूरा सम्पदा की एक श्रृंखला बनाई थी। यह श्रृंखला बहुत खूबसूरत थी। 2022 तक यहां के लोगों ने रिनोवेशन करा कर अपनी विरासत को लुप्त कर दिया। उन्होंने बताया कि बूंदी प्रेरणा का एक निरन्तर स्त्रोत है। रेखाचित्रों, चित्रों और मूर्तियों के माध्यम से इसके देहाती आकर्षण और इतिहास को प्रलेखित किया है। मैंने साथी कलाकारों के साथ कार्यशालाओं और पर्यटन का आयोजन किया है, जिससे स्थानीय लोगों को अपने आस-पास की सुंदरता को देखने में मदद मिली है। धीरे-धीरे, वे अपनी विरासत और इसे संरक्षित करने के महत्व की सराहना करने लगे हैं। यहां की वास्तुकला जटिल नक्काशी और पत्थर की दीवारों के साथ बूंदी का आकर्षण और आत्मा धीरे धीरे लुत हो रहे है। जब हम चित्रकार चित्र बनाकर इनको सहेजने में लगे है तो अपनी सम्पदा बचाने के लिए यहां के लोग जागरूक क्यों नहीं हो सकते। चित्रकार शितोले ने बताया कि हमारा अगला प्रोजेक्ट राजस्थान की कलात्मक विरासत के इन छिपे हुए रगों को लोगों के सामने लाना है। इससे पहले की आधुनिकीकरण इन्हें मिटा दे, अपने कार्य के माध्यम से इन्हें सहेजने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ। प्रदर्शनी में निशिकांत पलांडे, सिकन्दर सिंह, कुलविंदर सिंह, प्रियांश सोनी व कृपा शितोले आदि मौजूद रहे।