राजस्थान में उपचनाव को लेकर भाजपा ने 7 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। जिसके बाद जगह-जगह विरोध के सुर उठने लगे है। हालांकि भाजपा आलाकमान बागियों के ड्रेमेज कट्रोल में जुटा हुआ है। सबसे ज्यादा रामगढ़, झुंझुनू, दौसा और देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर बगावती सुर उठे हैं। रामगढ़ उम्मीदवार सुखवत सिंह के विरोध में बगावत तेज हो गई है। कई पार्टी पदाधकारियों ने इस्तीफे सौंप दिए हैं। गत विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे जय आहूजा ने सुबह कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई। इसमें तय हुआ कि चाहे जय आहूजा चुनाव लड़ें या फिर सर्वसमाज का कोई अन्य व्यक्ति, उसे ही समर्थन दिया जाएगा। मंगलवार को इस पर मुहर लगेगी। जय ने दावा किया कि क्षेत्र के सभी पांच मंडल अध्यक्षों व कार्यकारिणी ने जिलाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफे भेज दिए हैं। उधर, जय आहूजा के चाचा व एवं पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि वे भाजपा के सिपाही हैं, लेकिन सुखवंत सिंह को सपोर्ट नहीं करेंगे। झुंझुनूं उम्मीदवार राजेन्द्र भांबू के विरोध में विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे निषीत चौधरी बबलू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के साथ 23 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने की घोषणा कर दी है। इससे पहले उन्होंने समर्थकों की बैठक बुलाई, जिसमें कहा जिन्होंने भाजपा को हराने का कार्य किया, उन्हें टिकट देना गलत है। इस दौरान कई पार्टी पदाधिकारी, सरपंच व पंचायत समिति सदस्यों ने चौधरी को अपना इस्तीफा भी सौंपा। सलूंबर से दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता मीणा को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा में बगावत के सुर उठने लगे हैं। अब तक भाजपा से मजबूत दावेदारी कर रहे नरेंद्र मीणा और उनके समर्थकों ने गहरी नाराजगी जताई है। इसी को लेकर रविवार को सलूम्बर में हुई एक बैठक में दावेदार नरेंद्र मीणा फूट-फूटकर रोए। नरेंद्र और उनके समर्थकों ने पार्टी को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। टिकट को लेकर बदलाव नहीं होने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी बात कही है। देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर को उम्मीदवार बनाने के विरोध में एक युवक प्रमोद मीना उनियारा में पानी की टंकी पर चढ़ गया जो रात तक नीचे नहीं आया था। उसने मांग की कि विजय बैंसला को टिकट दिया जाए।