नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के एक कोचिंग सेंटर में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों की मौत से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूची के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में इसी साल 27 जुलाई को भारी बारिश के बाद राव आइएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थी डूब गए थे। शीर्ष अदालत ने मामले की जांच कर रही केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति को 20 सितंबर को निर्देश दिया था कि वह ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

तीन छात्रों की मौत ने झकझोर दिया था

चंद सेकेंड में बेसमेंट में भरा पानी

पानी का बहाव इतना तेज था कि चंद मिनट में बेसमेंट में काफी पानी जमा हो गया। आनन-फानन छात्र बेसमेंट से बाहर निकलने लगे। उसी दौरान शॉर्ट सर्किट हो जाने से बिजली भी चली गई। हादसे में दो छात्रा व एक छात्र अंदर फंसे रह गए, जिससे उनकी मौत हो गई।

मृतक छात्रों की हुई पहचान

तीनों मृतक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अभ्यर्थी थे, जो राऊ आईएएस कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे थे। तीनों पीड़ितों की पहचान उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर (यूपी) की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के एर्नाकुलम के निविन डाल्विन के रूप में की गई है। दिल्ली पुलिस ने शवों का आरएमएल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया था।

बता दें कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर में पानी भरने से दो छात्राओं समेत तीन छात्रों की मौत ने झकझोर दिया था। कोचिंग सेंटर के बेसमेंट चल रही लाइब्रेरी में बारिश का पानी भरने से आईएएस की तैयारी करने वालों की डूबने से मौत हो गई। उनसे पहले फंसे कई छात्रों को बाहर निकाल लिया था।

इस वजह से बेसमेंट में भरा पानी

कोचिंग बेसमेंट चलती थी, अगर कोई छात्र आता था तो वह अटेंनडेंस के लिए कांच के दरवाजे में बायोमैट्रिक सिस्टम लगा होता था और वहां छात्र अगूंठा लगाते थे। बताया गया कि कि शाम करीब सात बजे कोचिंग सेंटर के बाहर सड़क पर कुछ बड़े वाहनों द्वारा यूटर्न लेने के कारण पानी के प्रेशर से बेसमेंट में जाने के लिए बनी सीढ़ियों पर लगे कांच का दरवाजा टूट गया, जिससे पानी एकदम से बेसमेंट में जाना शुरू हो गया।