सेहतमंद के लिए सिर्फ सही खानपान ही जरूरी नहीं है, बल्कि हमारा रहन-सहन भी काफी हद तक हमारी सेहत को प्रभावित करता है। हम कैसे रहते हैं और क्या करते हैं, इसका सीधा असर सेहत पर होता है। ओरल हेल्थ हमारी रहन-सहन का एक हिस्सा है, जो बताती है कि हम अपनी हाइजीन पर कितना ध्यान देते हैं। हेल्दी रहने के लिए ओरल हेल्थ का हेल्दी होना बेहद जरूरी है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट रोजाना दो बार ब्रश करने की सलाह देते हैं।

ऐसे में अगर आप एक महीने के लिए ब्रश करना ही छोड़ दे, तो क्या होगा। इस बारे में सोचते ही सबसे पहले मन में ख्याल आएगा कि इससे दांत खराब हो जाएंगे, मसूड़े कमजोर हो जाएंगे और मुंह से बदबू आने लगेगी। हालांकि, इन सभी के अलावा एक महीने तक ब्रश न करने से आपकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या होगा अगर एक महीने तक ब्रश करना छोड़ देंगे आप-

दिल से जुड़ी समस्याएं

खराब ओरल हेल्थ और हार्ट हेल्थ के बीच सबसे आम संबंध मसूड़ों की सूजन है, जो टॉक्सिन्स रिलीज करता है। ये टॉक्सिन्स ब्लड फ्लो के जरिए दिल तक पहुंचते हैं, जहां वे एंडोकार्डिटिस, ब्लॉक्ड आर्टरीज और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।

डायबिटीज

मसूड़ों में सूजन कॉम्प्लेक्स शुगर को तोड़ने और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी ढंग से इंसुलिन का इस्तेमाल करने की शरीर की क्षमता को कमजोर कर देती है। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल हाई हो सकता है, जो बैक्टीरिया के विकास में बढ़ावा देता है, जिससे एक खराब साइकिल बनता है। ऐसे में अच्छी ओरल हेल्थ बनाए रखने से इस साइकिल को तोड़ा जा सकता है।

रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन

अगर आप एक महीने तक ब्रश नहीं करते हैं, तो इससे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, ब्रश न करने की वजह से जब ओरल बैक्टीरिया का विकास हो सकता है, जो सांस के जरिए शरीर के अंदर पहुंच सकते हैं और फिर रेस्पिरेटरी डिजीज के लिए

एक गंभीर कारक बन सकते हैं।

प्रेग्नेंसी संबंधी समस्याएं

खराब ओरल हेल्थ की वजह से प्रेग्नेंसी संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसकी वजह से पहले प्रसव और जन्म के समय बच्चे का कम वजन जैसी परेशानी आ सकती हैं।

ये भी हो सकती हैं परेशानी

लंबे समय तक ब्रश न करनेम की वजह से मसूड़े की सूजन या पेरियोडोंटाइटिस जैसी सती हैं, जो आगे चलकर पेरियोडोंटाइटिस में बदल सकता है, जिससे मसूड़े सिकुड़ जाते हैं और आमस्याएं भी हो सकती हैं। साथ ही मसूड़े की सूजन, मसूड़ों की बीमारी की शुरुआत हो सकपके दांतों की जड़ें बाहर आ जाती हैं। साथ ही दांतों के इनेमल का कमजोर होना एक हफ्ते में शुरू हो सकता है। इसके बाद प्लाक जमा होने से मुंह से दुर्गंध आना शुरू हो सकती है।