बूंदी । भारतीय संस्कृति इंटक द्वारा महाकवि सूर्यमल मिश्रण जन्मोत्सव सप्ताह के तहत आयोजित किया जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में बुधवार को चौथे दिन राजकिय कन्या महाविद्यालय बूंदी में व्याख्यान माला एवं प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इंटेक के संयोजक राजकुमार दाधीच ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा की राजस्थान के इतिहास से यदि सूर्यमल मिश्रण का इतिहास हटा ले तो राजस्थान का इतिहास कमतर हो जाता है इसी प्रकार हिंदुस्तान के इतिहास से राजस्थान का इतिहास हटा ले तो हिंदुस्तान का इतिहास कमतर हो जाता है। यानी सूर्यमल मिश्रण हिंदुस्तान के इतिहास की नींव की ईंटहै। उन्होंने बूंदी जिले के भौगोलिक एवं विरासत से संबंधित जानकारी देते हुए छात्राओं से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रश्न पूछे। विजेता छात्रों को पुरस्कार देकर नवाजा गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ऋतुराज दाधीच, विशिष्ट अतिथि महेंद्र शर्मा मातुंडा, ने भी अपने विचार प्रकट कर सूर्यमल्ल के साहित्य को पाठ्यक्रमों में यथेष्ठ स्थान देने पर जोर दिया। जगदीश अनुरागी के सरस्वती वंदना के साथ इस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। महिला प्रकोष्ठ प्रकोष्ठ की मणि लता ने संचालन किया और आशीष बिरला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। अमनदीप कौर नमाना, बीमा कुमारी हिंडोली, खुशी कुशवाहा गुदानाथवत , रानी मेघवाल झारबालापुरा, किरण बैरागी चतरगंज ने सर्वाधिक पुरस्कार जीतने का सौभाग्य प्राप्त किया। सह संयोजक राजेंद्र भारद्वाज ने बताया कि महाकवि सूर्यमल्ल जन्मोत्सव सप्ताह के कार्यक्रमों की श्रृंखला में 17 अक्टूबर गुरुवार को विश्व भारती माध्यमिक विद्यालय में वाद विवाद प्रतियोगिता तथा 18 अक्टूबर को नवल सागर तालाब में सायंकाल दीपदान का आयोजन किया गया है ।