पलाई.शरद पूर्णिमा पर बुधवार को पलाई में श्री चारभुजा नाथ मंदिर व वीर तेजाजी महाराज मंदिर में अलौकिक व मनमोहक श्रृंगार किया गया। मंदिर समिति अध्यक्ष शेरसिंह सोलंकी व लोकेश पांचाल ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर भजन कीर्तन मध्य रात्रि किया जाकर शरद पूर्णिमा उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से खीर में अमृत मिल जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने महारास रचा था और गोपियों को अमृत पिलाया था। महालक्ष्मी का जन्म उत्सव शरद पूर्णिमा को है। शरद पूर्णिमा साल की सभी 12 पूर्णिमा तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण होती है। इस रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाकर रखने का महत्व माना गया है। मान्यता हैं कि शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने से उसमें अमृत समान गुण मिलते है। इस खीर के सेवन से कई रोग दूर हो जाते हैं। शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी के प्राकट्योत्सव के रूप में मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं। प्रसाद वितरण मध्य रात्रि को होगा। इसी तरह आमजन भी आज रात खीर बनाकर चंद्र करने में रखेंगे। वहीं रात को भगवान के भोग लगाकर उसका सेवन किया जाएगा।