राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. दौसा, झुंझुनूं, चौरासी, खींवसर, सलूंबर, रामगढ़ और देवली-उनियारा के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी. चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. विधानसभा चुनाव-2023 के 10 महीने के भीतर ही 7 सीटों पर उपचुनाव के ऐलान के बाद प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. सलूंबर विधानसभा सीट को छोड़ दिया जाए तो पिछले विधानसभा चुनाव में अन्य 6 सीटें बीजेपी हार गई थी. ऐसे में बीजेपी विधानसभा में आंकड़ा बढ़ाने के लिए भजनलाल सरकार के कामकाज को जनता के बीच लेकर जाएगी. वहीं, सरकार विरोधी मुद्दों के सहारे कांग्रेस वोट जुटाने की जुगत में रहेगी. साथ ही चौरासी और खींवसर पर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दल आमने-सामने हो सकते हैं. इस लिहाज से ये 2 सीटें भी काफी अहम होगी. दौसा में मीणा और गुर्जर को पॉलिटिक्स का केंद्र माना जाता है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले मुरारीलाल मीणा के दौसा से सांसद चुनाव जीते जाने के बाद यह सीट खाली हो गई. इस सीट से उनके परिवार के सदस्यों की दावेदारी की काफी चर्चा है, जिसमें पत्नी सविता मीणा और बेटी निहारिका का नाम सामने आ रहा है. सविता मीणा साल 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं. हालांकि दावेदारों की लिस्ट में जीआर खटाणा, नरेश मीणा और संदीप शर्मा समेत कई नाम भी सामने आ चुके हैं.जबकि बीजेपी से पिछला चुनाव हार चुके शंकरलाल शर्मा के नाम की एक बार फिर चर्चा है. दावेदारों की फेहरिस्त में एक नाम डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा का भी है. संभावित तौर पर जगमोहन मीणा के सामने मुरारीलाल मीणा के परिवार के किसी सदस्य को टिकट मिलने की स्थिति में यह मुकाबला काफी रोचक हो सकता है. क्योंकि ऐसे में यह चुनाव मुरारीलाल मीणा और किरोड़ीलाल मीणा की प्रतिष्ठा से भी जुड़ जाएगा. हालांकि टिकट के ऐलान के बाद ही यह स्थिति साफ हो पाएगी. सूलंबर सीट से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के 8 अगस्त 2024 को निधन के बाद से यह सीट खाली हो गई थी. विधानसभा चुनाव-2023 में कांग्रेस की हार की वजह पहली बार चुनाव लड़ने वाली भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) रही. बीजेपी के अमृतलाल मीणा को 80 हजार 86 वोट मिले और 65395 वोट के साथ कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा दूसरे नंबर पर रहे थे. जबकि बीएपी के जीतेश मीणा ने 51 हजार 691 वोट मिले थे. इस बार कांग्रेस और बीएपी के गठबंधन को लेकर कई तरह के सवाल बरकरार हैं. गठबंधन नहीं होने की स्थिति में बीएपी कांग्रेस के लिए एक बार फिर सिरदर्द साबित हो सकती है. कांग्रेस यहां से आखिरी बार साल 2008 में चुनाव जीती थी. तब कांग्रेस के रघुवीर मीणा ने 65 हजार 140 वोट मिलने के चलते 23 हजार 353 मतों से जीते थे. लेकिन उसके बाद से बीजेपी लगातार जीत हासिल करती आ रही है. ऐसे में यह उपचुनाव रघुवीर मीणा के लिए भी अहम है. क्योंकि पिछला चुनाव हारने के बाद वह निष्क्रिय नजर आ रहे थे.
Join our app to earn points & get the text & video content in your preffered language
PLease Click Here to Join Now
Search
Categories
- City News
- State News
- National
- Crime
- Entertainment
- Viral News
- Special
- Sports
- Politics
- Business
- International
- Health
- Spiritual
- Agriculture
- Education
- Election
Read More
কামাণ্ডু পদত উত্তীৰ্ণ জোনাইৰ গোবিন্দপুৰৰ ৰাহুল
কামাণ্ডু পদত উত্তীৰ্ণ জোনাইৰ গোবিন্দপুৰৰ ৰাহুল
પેટલાદ પંથકમાં દિવસ દરમિયાન ધોધમાર વરસાદ
પેટલાદ પંથકમાં આજે બપોરના સમયે વાદળો ચડી આવ્યા હતા અને વીજળીના ચમકારા અને ગાજવીજ સાથે...
પાવીજેતપુર કોલેજમાં સાયબર ક્રાઇમ લોક જાગૃતિ કાર્યક્રમ યોજાયો
પાવીજેતપુર એમ.સી. રાઠવા આર્ટ્સ એન્ડ સાયન્સ કોલેજમાં બાળકો વર્તમાન સમયમાં ચાલી રહેલા ક્રાઈમ અંગે...
FELECITATION OF VIGNESH N THE STATE TOPPER IN THE KARNATAKA
FELECITATION OF VIGNESH N THE STATE TOPPER IN THE KARNATAKA
रणजीत सिंह परमार को राष्टीय गौ रक्षक संघ का तहसील अध्यक्ष किया नियुक्त
रणजीत सिंह परमार को राष्टीय गौ रक्षक संघ का तहसील अध्यक्ष किया नियुक्त
वंदे गौ मातरम राष्ट्रीय...