सीसामऊ विधानसभा सीट पर अपराजेय बनती जा रही सपा को उपचुनाव में पछाड़ना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। सपा ने जेल में बंद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को इस सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी बना पत्ते खोल दिए हैं। पीडीए यानी पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक फार्मूले पर पार्टी माहौल बना रही है।

वहीं, 28 वर्ष से जीत की बाट जोह रही भाजपा के सौ से अधिक दावेदार प्रत्याशिता के लिए अंतिम दौड़ में बड़े नेताओं की चौखट पर दस्तक दे रहे हैं। बसपा के दावेदार भी सक्रिय है। लोकसभा चुनाव में आइएनडीआइए का हिस्सा रही कांग्रेस का रुख भी पूरी तरह साफ नहीं है। वह अपने लिए संभावनाएं तलाश रही है।  ऐसे में सीसामऊ का सियासी रण रोचक होने के आसार प्रबल हैं।

उपचुनाव की तारीखों का एलान

सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखें तय होते ही प्रमुख सियासी दलों में मंगलवार शाम से हलचल बढ़ गई। इस सीट पर लगातार हार का सिलसिला तोड़ने की कवायद में जुटी भाजपा के दावेदारों में कुछ नामों को तय करते हुए अंतिम चर्चा चल रही है।

1996 के बाद एक बार फिर पार्टी जीत का सेहरा बांधने के प्रयास में जुटी है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्लिम बहुल सीट पर बड़ी जनसभा भी कर चुके हैं। उनके दूत के रूप में वित्त मंत्री सुरेश खन्न, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से लेकर बाकी नेता जोर लगाए हैं।

1996 के बाद भाजपा को इस सीट पर नहीं मिली जीत

लखनऊ और दिल्ली में पिछले दिनों हुई बैठकों में प्रत्याशिता को लेकर काफी कुछ तय किया जा चुका है, लेकिन अभी नाम खुलने से पहले सभी दावेदार अंतिम प्रयास में जुटे हैं । भाजपा ने यह सीट 1991, 1993 व 1996 में जीती थी। 2002 में कांग्रेस के संजीव दरियाबादी ने सीट छीन ली। इसके बाद से मानों सीट हाथ से ही निकल गई।