बून्दी। पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा ने बाघिन टी 102 की मौत पर सवाल उठाए हैं। शर्मा का कहना है कि बाघिन की मौत के बाद जो हालात सामने आये है उससे स्पष्ट है कि अधिकारियों की मिलीभगत अथवा लापरवाही की वजह से बाघिन की जान गई। उन्होंने मांग की है की इस मामले में लापरवाह टाईगर रिजर्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शर्मा ने अपने बयान में कहा कि बाघिन का निधन दुखद है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे हादसों को रोकने और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय नहीं अपनाए गए। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि बाघों के संरक्षण पर जहां करोड़ो रुपए खर्च किए जाते है ऐसे में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि दोबारा ऐसे उदाहरण सामने नहीं आएं। शर्मा ने इस मामले पर आगे कहा कि वन एवं पर्यावरण मंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा इस तरह से बाघिन का कंकाल मिलना काफी गम्भीर मामला है। उससे यह प्रतीत हो रहा है की आरवीटीआर से जुड़े अधिकारी और वन कर्मी टाइगर रिजर्व में किस तरह से अपने कार्य को अंजाम दे रहे है। शर्मा ने कहा कि इस तरह का कृत्य अधिकारियों की असंवेदनशीलता तथा लापरवाही को दर्शाता है। 
ऐसे तो कैसे गुलजार होगा टाइगर रिजर्व
सत्येश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के बजट में रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व की घोषणा हुई थी। उसके बाद बाघ बाघिन का जोड़ा यहा लाया गया था। गत वर्ष बाघिन टी 102 ने तीन शावकों को जन्मदिन दिया था। लगा था कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व टाइगर से गुलजार होगा । लेकिन बाघिन टी 102 की मौत और शावक के लापता होने की खबर ने टाइगर रिजर्व की तमाम व्यवस्थाओ पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है। शर्मा ने आरोप लगाया कि बाघिन के कंकाल को देखते हुए यह जाहिर होता है कि इसकी मौत हुए काफी दिन बीत चुके थे। इतने दिनों बाद भी रेडियो कॉलर से बाघिन की तलाश नहीं जुटा पाना कई सवाल खड़े करता है और लापरवाही को दर्शाता है। शर्मा ने कहा कि इस तरह की घटना से  बून्दी के सुनहरे भविष्य पर आघात लगा है और युवाओं के सपने चकनाचूर हुए है। शर्मा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मामले में हस्तक्षेप कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है।
किसी गिरोह की बड़ी साजिश तो नही ?
कांग्रेस नेता सत्येश शर्मा ने बाघिन की मौत को किसी  बड़े गिरोह की साजिश का हिस्सा बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना बून्दी के पर्यटन उद्योग के लिए ठीक नही है उन्होंने आशंका जताई है कि इस तरह की घटनाओं को कोई गिरोह भी अंजाम दे सकता है।