डेंगू के प्रति जागरूकता व नियंत्रण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रभावी कदम उठा रहा है।। स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू व मलेरिया आदि मौसमी बीमारियों को लेकर नियमित गतिविधियां की जा रही है। जिले में डेंगू मरीजों के बढऩे की आशंका के चलते सीएमएचओ डॉ ओ पी सामर ने जिला, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये । वहीं उन्होंने आमजन से अपील की कि वे भी जागरूक बनें, स्वच्छता अपनाएं और मौसमी बीमारियों से बचें। 

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सीएमएचओ डॉ. सामर ने बताया कि डेंगू से होने वाले बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जा सकता है, क्योंकि पीडि़त व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ हड्डियों में बहुत दर्द होता है। शुरुआत में यह बुखार सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, जिसके कारण सामान्य बुखार और डेंगू के लक्षणों में फर्क समझ नहीं आता है। इस बुखार के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए इसके प्रति सजग व सतर्क रहना बेहद जरूरी है। यह डेंगू एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो साफ पानी में पैदा होता है। मच्छर के काटने के करीब तीन से पांच दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है। गर्म से गर्म माहौल में भी यह जिंदा रह सकता है। इसके अंडे आंखों से दिखते भी नहीं हैं, जिसके कारण इसे मार पाना आसान नहीं है। पानी के संपर्क में आते ही अंडा लार्वा में बदल जाता है और फिर अडल्ट मच्छर बन जाता है।

*डेंगू बुखार के लक्षण*

ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढऩा, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना आदि इसके लक्षण है। डेंगू गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है इसलिए झोलाछाप के चक्कर में पडऩे की बजाए नजदीकी चिकित्सा केंद्र से उपचार करवाना चाहिए।

*मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए क्या करें*

डेंगू के बचाव के लिए मच्छरों को पैदा होने से रोकें और खुद को काटने से भी बचाएं। कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें, साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है। क्योंकि एडीज मच्छर साफ पानी में ही पैदा होता है। पानी पूरी तरह ढक कर रखें, कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें या नियमित सफाई करते रहें। कूलर का पानी रोज बदलें। छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें। पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। घर के अंदर सभी जगहों में सप्ताह में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिडक़ाव जरूर करें।

*डेंगू बुखार से बचाव*

आउटडोर में पूरी बांह की शर्ट, बूट, मोजे और फुल पैंट पहनें। खासकर बच्चों के लिए इस बात का जरूर ध्यान रखें। मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें। तेज महक वाली परफ्यूम लगाने से बचें क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं। कमरे में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को एक-दो घंटे के लिए बंद कर दें।