राष्ट्रीय मेला दशहरा में सोमवार को विजयश्री रंगमंच पर सिंधी संगीत की खुशबू बिखरी। भारतीय गायक, संगीतज्ञ, गीतकार, कलाकार और अभिनेता जतिन उदासी और उनके बैंड की ओर से शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। सिन्धी कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीचंद कृपलानी, ओम आडवाणी, गिरधारी लाल पंजवानी, बूंदी पालिका में नेता प्रतियक्ष मुकेश माधवानी, भाटिया एंड कंपनी के राम भाटिया, प्रेम भाटिया, मेला समिति सदस्य योगेंद्र शर्मा, विजय लक्ष्मी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम भाटिया ग्रुप द्वारा प्रायोजित तथा पूज्य सिंधी जनरल पंचायत कोटा के सौजन्य से आयोजित किया गया। जतिन उदासी ने कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल की आराधना से की। उन्होंने "गुलाब जो आहे गुल नालो आहे ब्यूटीफुल.. लाल साई जो ." गाकर की तो विजयश्री रंगमंच पर आयोलाल झूलेलाल गूंज उठा। इसके बाद उन्होंने सिंधी गीत "सिंधी अबाणी बोली, मीठड़ी अबाणी बोली.." गाकर सिंधीयत की महक बिखेरी। जतिन उदासी ने सिंधी गीत "सिंधीय मे गालायो, पाण में गालायो गदजी गालायो" तथा "जेको खटी आयो खैर सा, होय जमालो..." गाकर झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने माता जी का गीत "ठार माता ठार पहिंजे बचणन खे ठार.." गया तो माता के जयकारे गूंज उठे। सिंधी संगीत संध्या में "जी ले लालण, जीवे साइयां...लाल कलंदर जीवे... दम दमादम.." गाया तो हर कोई झूम उठा। जतिन ने शनिवार की शाम की सिंधीयत के नाम लिखते हुए " झूलेलाल जीवे साइयां... " सुनाया तो आयोलाल झूलेलाल से मेला परिसर गूंज उठा। जतिन श्रोताओं से आयोलाल सभीचो कहकर स्वागत किया तो पांडाल झूलेलाल.. से गूंज उठा। जतिन उदासी ने हिंदी के प्रसिद्ध भजनों को भी गाया। उन्होंने "रघुपति राघव राजा राम.. गाया तो माहौल जय श्री राम से गूंज उठा। इसके बाद उन्होंने "मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे.. भारत का बच्चा-बच्चा जय जय श्री राम बोलेगा.. मीठे रस से भरियो राधा रानी लागे.. तेरी चौखट पर चलकर आज चारों धाम आए हैं.. सरीखे भजनों की भी प्रस्तुति दी।