राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इन सीटों पर आने वाले परिणाम के बाद बीजेपी और कांग्रेस में एक बार खलबली मच सकती है. क्योंकि, बीजेपी की इन सात में से सिर्फ एक सीट और कांग्रेस की चार सीटें हैं. ऐसे में ज्यादा दबाव में कांग्रेस है. सूत्रों की मानें तो राजस्थान कांग्रेस के संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है. परिणाम के बाद तय होगा कि अध्यक्ष किसे बनाया जाय. इसके साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर भी काम होगा. क्योंकि, पिछले कई वर्षों से जिला अध्यक्ष को भी नहीं बदला जा सका है. इतना ही नहीं कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी भी नहीं बन पाई है. इस चुनाव के बाद बदलाव दिखेंगे. उधर, बीजेपी में भी संगठनात्मक बदलाव नहीं हो पाया है. बीजेपी अध्यक्ष को बदले हुए तीन महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं पाया है. जिसे लेकर मंथन जारी है. बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ का कहना है कि अभी सक्रिया सदस्यता अभियान चल रहा है. इसके बाद ही नई कार्यकारिणी बनेगी. मगर, सूत्रों का ये भी कहना है कि सारी बातें चुनाव परिणाम पर आकर टिकेंगी. अगर बीजेपी तीन या चार सीटें जीतती है तो उसका असर सरकार पर भी पड़ेगा. मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर कई मंत्रियों के कार्यों में बदलाव दिखेंगे. हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से यहां पर कांग्रेस पर दबाव बना हुआ है. क्योंकि, यहां पर ज्यादातर सीटें कांग्रेस को जीतनी होंगी. कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का भी कार्यकाल एक्सटेंशन पर चल रहा है. इसलिए इन्हें भी बदलना या नहीं बदलना चुनाव परिणाम पर तय होगा. इसके साथ ही कांग्रेस के अन्य नेताओं पर भी इसका असर पड़ेगा.
 
  
  
  
   
   
  