कोटा शहर में इशिमा श्रीअन्न की ओर से कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में मोटे अनाज की प्रदर्शनी कम सेल लगाई है जिसका लोग भरपूर लाभ ले रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विजयादशमी के दिन मेले दशहरा में शॉप न 426 मोटे अनाज को लेकर उसकी जानकारी ली और शॉप का शुभारंभ किया। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मोटे अनाज के लाभ बताए और लोगों को इसके सेवन के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अपने भोजन में मोटा अनाज, के रूप में मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी को और अन्य अनाज को शामिल करेंगे तो बीमारियों से दूर रहेंगे। श्री अन्न के मनन जैन ने बताया कि दुनियाभर में मोटे अनाज के फायदों को लेकर शीर्ष मंचों से चर्चा हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। मोटे अनाज को मिलेट्स या श्रीअन्न के नाम से भी जाना जा जा रहा है। उर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि मोटा अनाज खाने से बीमारियों से बचा जा सकता है और स्वस्थ्य जीवन जिया जा सकता है। शहर जिलाध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि मोटा अनाज का सेवन बीमार व्यक्ति के लिए भी रामबाण हैं। कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले में लोगों की भारी भीड़ यहां देखने को मिल रही है। व्रत उपवास के लिए इसका सेवन लाभदायक है। इस अवसर पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि मोटे अनाज को सरकार आगे बढा रही है ताकी लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे और वह बीमारियों से भी बचे।
- इसलिए डॉक्टर देते हैं मोटेअनाज के सेवन की सलाह
इशिमा जैन ने बताया कि मोटे अनाजों में उपस्थित फाइबर की मात्रा मनुष्य के पाचन तंत्र को दुरस्त रखती है। इनमें आयरन और कैल्सियम की मात्रा भी भरपूर पाई जाती है। जिन लोगों को दूध अपच की शिकायत रहती है, उन लोगों के लिए मोटे अनाज कैल्सियम पूर्ति में सहायक हो सकते हैं। जिनको ग्लूटन एलर्जी होती है, उन्हें डॉक्टर द्वारा मोटे अनाज के सेवन की सलाह दी जाती है।
- कंट्रोल रहता है कोलेस्ट्रोल
मोटे अनाजों में विटामिन बी अच्छी मात्रा मिलता है। बाजरा में बी-3 यानी नियासिन विटामिन पाया जाता है। नियासिन शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने का काम करता है। ट्राइग्लिसराइड्स हार्ट अटैक के खतरों को बढ़ाते हैं। मोटे अनाजों के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा नियंत्रित रहती है। रागी और ज्वार मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। ये शरीर में काबोर्हाइड्रेट्स के अवषोषण की गति धीमा कर देते हैं। इन अनाजों का जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
- टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण
ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह बताता है कि खाया गया भोजन कितनी जल्दी खून में शर्करा की मात्रा को बढ़ाता है। मोटे अनाज टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी होते हैं। मोटे अनाजों के फायदों को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये सुपर फूड हैं। इनका प्रयोग मौसमानुसार दैनिक भोजन में दलिया, खिचड़ी, रोटी आदि बनाकर किया जा सकता है। मोटे अनाजों के फायदों को देखते हुए बाजार में इनकी मांग बढ़ रही है। इशिमा द्वारा लोगों को भरपूर मोटा अनाज कोटा शहर सहित आसपास के जिलों में उपलब्ध कराया जा रहा है जिसका सेवन लोग कर बीमारियों से बच रहे हैं।