चीन से सटे ईस्टर्न फ्रंट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की तैयारियों के बीच मोदी सरकार वेस्टर्न फ्रंट को मजबूत करने में जुटी है। पाकिस्तान से सटी सीमा पर तारबंदी के पास और इसे जोड़ने के लिए लिंक सड़कों का जाल बिछाया जाएगा।राजस्थान और पंजाब से सटे बॉर्डर इलाके में 2,280 किमी लंबी सड़कें बनाने के लिए 4,406 करोड़ रुपए की लागत आएगी। PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दी है।सड़कों का जाल बिछाने के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने 2021 में ये प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे मंजूर किया था। फंड के लिए लंबे समय से कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार था। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद बॉर्डर तक सेना 48 घंटे से भी कम समय में पहुंच सकेगी। पाकिस्तान में चीन के इकॉनोमी प्रोजेक्ट ‘सीपेक’ के जवाब में भारत ने वेस्टर्न फ्रंट यानी पश्चिमी सीमा पर तीन लेयर सड़कों का जाल बिछा दिया है। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बॉर्डर से 40 से 50 किमी दूर 1,491 किमी लंबी टू लेन सड़क और अमृतसर-जामनगर 1,254 किमी लंबे इकॉनोमी एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।