विजय दशमी पर्व पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों में मनोरंजक आतिशबाजी लगाने का काम भी प्रारंभ हो गया है।मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि इस बार पुतले में ग्रीन आतिशबाजी का प्रयोग किया गया है, जिससे रावण दहन पॉल्यूशन फ्री और इको फ्रेंडली हो। वहीं अतिरिक्त आतिशबाजी लगाने को कहा गया है ताकि मेला स्थल पर पहुंचने वाले लोगों को भरपूर और अधिक समय तक मनोरंजन हो सके। पुतले का ऑटोमाइजेशन सिस्टम से दहन होगा। पूरे पुतले में विभिन्न स्थानों पर कोल्ड पायरो लगाए गए हैं, जो आतिशबाजी का अलग इफेक्ट देंगे। वहीं पुतले का 3D आकार भी उभर कर आएगा। पुतले के सिर  कोल्ड पायरो से अलग-अलग फूटते नजर आएंगे और रावण को तलवार लहराती हुई दिखेगी। रावण के अमृत कलश में चक्र भी 3D इफेक्ट के साथ चलता हुआ दिखेगा। दांत और नाभि में लगी मोटर से रावण दहन के दौरान खूब मनोरंजन होगा। उन्होंने बताया कि रावण का पुतला पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर कार्य करेगा। रिमोट से पुतले की आतिशबाजी को नियंत्रित किया जा सकेगा। ऑटोमेशन सिस्टम से एक एक करके स्टेप बाय स्टेप मनोरंजक आतिशबाजी के साथ पुतला दहन होगा। इसमें रावण का पुतला मुँह से चिंगारी निकालेगा। इसके बाद नाक और कान से धुँआ उगलेगा। सिर पर स्काई शॉट के द्वारा आसमान में रोशनी होगी। सिर पर स्थित ताज में चकरी घूमेगी। एक हाथ में तलवार चमकेगी तो दूसरे हाथ में ढाल घूमेगी। कान की बालियों, कमर पेटी और पेट में भी बारूद भरा जा रहा है। गले की माला और जनेऊ भी आतिशी नजारे सी जलती हुई नजर आएगी। पुतले में चक्कर, फायर, स्मोक समेत 500 से अधिक बम लगाए जा रहे हैं।

लंका दहन में दिखेंगे आतिशी नजारे
रावण दहन के बाद होने वाले लंका दहन में भी आतिशी नजारे होंगे। आसमान में रंगीन अशर्फियाँ सबको रोमांचित करेंगी। गोल्डन शॉट से सोने की लंका के जलने का दृश्य प्रस्तुत किया जाएगा।