ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की 2024 की लिस्ट में इस साल भारत 127 देशों में 105वें नंबर पर है। पिछले साल 125 देशों में 111वें स्थान पर था, और 2022 में 121 देशों में से 107वें स्थान पर था।यानी इस साल हालत मामूली ठीक हैं। लेकिन अभी भी हंगर इंडेक्स का स्कोर 27.3 है जो गंभीर बना हुआ है।पाकिस्तान, अफगानिस्तान की हालत हमसे भी खराब है। लेकिन नेपाल, बांग्लादेश, कंबोडिया, फिजी, श्रीलंका जैसे देश भूख से अपने लोगों को बचाने में हमसे बेहतर हैं। हर देश का GHI स्कोर 3 डायमेंशन के 4 पैमानों पर कैलकुलेट किया जाता है। ये तीन डायमेंशन हैं- अंडररिशमेंट, चाइल्ड मोर्टालिटी, चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन। चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन में दो कैटेगरी हैं- चाइल्ड वेस्टिंग और चाइल्ड स्टंटिंग।

1. अंडरनरिशमेंट: अंडरनरिशमेंट यानी एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर के लिए जरूरी कैलोरी नहीं मिलना। आबादी के कुल हिस्से में से उस हिस्से को कैलकुलेट किया जाता है जिन्हें दिनभर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त कैलोरी नहीं मिल रही है।

2. चाइल्ड मोर्टालिटी: चाइल्ड मोर्टालिटी का मतलब हर एक हजार जन्म पर ऐसे बच्चों की संख्या जिनकी मौत जन्म के 5 साल की उम्र के भीतर ही हो गई।

3. चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन: इसमें 2 कैटेगरी आती हैं-

चाइल्ड वेस्टिंग: चाइल्ड वेस्टिंग यानी बच्चे का अपनी उम्र के हिसाब से बहुत दुबला या कमजोर होना। 5 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे, जिनका वजन उनके कद के हिसाब से कम होता है। ये दर्शाता है कि उन बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिला इस वजह से वे कमजोर हो गए।

चाइल्ड स्टंटिंग: चाइल्ड स्टंटिंग का मतलब ऐसे बच्चे जिनका कद उनकी उम्र के लिहाज से कम हो। यानी उम्र के हिसाब से बच्चे की हाइट न बढ़ी हो। हाइट का सीधा-सीधा संबंध पोषण से है। जिस समाज में लंबे समय तक बच्चों में पोषण कम होता है वहां बच्चों में स्टंटिंग की परेशानी होती है।

 

इन तीनों आयामों को 100 पॉइंट का स्टैंडर्ड स्कोर दिया जाता है। इस स्कोर में अंडरनरिशमेंट, चाइल्ड मोर्टलिटी और चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन तीनों का एक-एक तिहाई हिस्सा होता है। स्कोर स्केल पर 0 सबसे अच्छा स्कोर होता है, वहीं 100 सबसे बुरा।