दक्षिण नगर निगम के दाे सफाई कर्मचारियाें काे पिछले दिनाें भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूराे ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। उनके खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन नगर निगम ने इन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया। इसके लिए बाेर्ड मीटिंग में प्रस्ताव रखा गया, जिसे हंगामा और शाेरशराबे के बीच भाजपा पार्षदाें ने ध्वनिमत से पारित भी कर दिया। इन्हें जब गिरफ्तार किया था, तब नगर निगम ने निलंबित किया था। अब बहाल करने तक का प्रस्ताव ले लिया गया। एक-दाे दिन में ये वापस नाैकरी पर आ जाएंगे।

यह कैसा सुशासन:रिश्वत लेते पकड़े दो कर्मचारियों पर अभियोजन स्वीकृति नहीं देने का फैसला किया

काेटा10 घंटे पहलेलेखक: शैलेंद्र माथुर

दक्षिण नगर निगम के दाे सफाई कर्मचारियाें काे पिछले दिनाें भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूराे ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। उनके खिलाफ जांच चल रही है, लेकिन नगर निगम ने इन पर मुकदमा चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया। इसके लिए बाेर्ड मीटिंग में प्रस्ताव रखा गया, जिसे हंगामा और शाेरशराबे के बीच भाजपा पार्षदाें ने ध्वनिमत से पारित भी कर दिया। इन्हें जब गिरफ्तार किया था, तब नगर निगम ने निलंबित किया था। अब बहाल करने तक का प्रस्ताव ले लिया गया। एक-दाे दिन में ये वापस नाैकरी पर आ जाएंगे।

कोटा दक्षिण नगर निगम ने इन दाे मामलाें में नहीं दी स्वीकृति

1. स्वास्थ्य निरीक्षक शिवराज पंवार को नवंबर 2022 को 15 हजार की रिश्वत लेते ट्रेप किया। परिवादी ने शिकायत दी थी कि गुमानपुरा क्षेत्र में उसकी एक बिल्डिंग है जिसका 3 थर्ड फ्लोर लीज पर दिया हुआ है। लीजधारक बिल्डिंग की छत पर फेब्रिकेशन व टीन शेड लगवा रहा है।

स्वास्थ्य निरीक्षक ने एक व्यक्ति को भेज कर काम रुकवाते हुए निगम कार्यालय जाकर मिलने को कहलवाया। परिवादी शिवराज से मिला। उसने 50 हजार मांगे। सौदा 45 हजार में तय हुआ। ट्रैप के दाैरान परिवादी ने जैसे ही रुपए दिए आरोपी लेकर बाइक से रवाना हो गया। एसीबी की टीम ने पीछा कर आधे घंटे बाद उसे घर जाकर गिरफ्तार कर लिया था।

2. जमादार विशाल चौहान को एसीबी ने 4 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा। विशाल महिला सफाईकर्मी की हाजिरी लगाने की एवज में रिश्वत मांग रहा था। महिला परिवादी ने शिकायत में बताया कि कुछ समय वह बीमार थी। इस कारण ड्यूटी पर नहीं गईं। उसने मेडिकल प्रमाण पत्र लगाया। लेकिन, इसे अस्वीकार करते हुए गैरहाजिरी अवधि की हाजिरी लगाकर वेतन बनाने की एवज में जमादार विशाल चौहान रिश्वत मांगने लगा। परिवादी ने 4 हजार 200 रुपए की मांग की। शिकायत पर एसीबी ने जाल बनाकर चौहान को ट्रेप किया।