राजस्थान में पिछले 2 सप्ताह (20 सितंबर से 4 अक्टूबर तक) के अंदर डेंगू के 2200 नए केस सामने आए हैं। पिछले करीब 10 दिनों (25 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच) में 5 जानें जा चुकी हैं। मरने वालों में डॉक्टर, RAS अफसर, नर्सिंग की छात्रा, बिजनेसमैन तक शामिल हैं।जयपुर के सरकारी हॉस्पिटल के वार्ड फुल हो चुके हैं। OPD में आने वाले 15% मरीजों को 2 से 3 दिन तक भर्ती रखना पड़ रहा है। प्रदेश में 1 जनवरी से 4 अक्टूबर तक 5301 डेंगू के केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं। हालात अब खतरनाक हो चुके हैं। जयपुर के जेके लोन और जयपुरिया हॉस्पिटल में इन दिनों वार्ड फुल हो गए हैं। 80 फीसदी मरीज डेंगू से संबंधित हैं। जयपुरिया हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ और सीनियर प्रोफेसर डॉ. दीपेन्द्र गर्ग कहते हैं- अभी दीपावली तक का समय बहुत खतरनाक है। इस दौरान डेंगू-मलेरिया के सबसे ज्यादा केस आते हैं। डॉक्टर गर्ग ने बताया- इन दिनों तेज बुखार और डेंगू के लक्षण वाले बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। इनमें से 15 फीसदी को भर्ती करना पड़ रहा है। इसके पीछे कारण परिजनों की लापरवाही है। अक्सर परिजन बुखार आने, पेट दर्द होने या उल्टियां होने के दो दिन बाद या उससे भी देरी से आ रहे हैं। इसके बाद कई बच्चों में प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार या उससे भी नीचे आने की स्थिति बन रही है। हालांकि ऐसे बच्चों को एडमिशन के बाद बिना एसडीपी चढ़ाए भी ठीक किया जा रहा है।

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