तालेड़ा. कोटा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की प्रस्तावित जमीन पर पिछले दिनों बूंदी के पूर्व नरेश राव सूरजमल हाड़ा की ध्वस्त की गई छतरी स्थल पर शुक्रवार को कोटा और बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों की मौजूदगी में पुरोहितों ने विधिवत भूमि शुद्धीकरण और पुनर्निर्माण के लिए पूजन किया। इसका आयोजन कोटा और बूंदी के पूर्व राजपरिवार की ओर से रखा गया था।

अब करीब पांच करोड़ की लागत से छतरी और पेनोरोमा का निर्माण कार्य कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से किया जाएगा।

छतरी के फिर से निर्माण के शिलान्यास के लिए कोटा से पूर्व सांसद इज्यराज सिंह, राजपूत समाज व विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता रैली के रूप में बूंदी जिले की सीमा में तुलसी गांव स्थित छतरी स्थल पर पहुंचे।

 पूर्व सांसद इज्यराजसिंह, कोटा के पूर्व राजपरिवार के सदस्य जयदेव सिंह, बूंदी के पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह के साथ छतरी निर्माण के लिए विधिवत पूजा अर्चना की। इस अवसर पर इज्यराजसिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जल्द ही ऐतिहासिक छतरी का निर्माण इसी जगह प्रारम्भ होगा। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मनजीत सिंह नाथावत ने बताया कि कार्यक्रम में राष्ट्रीय करणी सेवा के बुंदेल सिंह राठौड़, निर्भय सिंह शक्तावत ,तेजराज सिंह, कमल सिंह सोलंकी, पुष्पेंद्र जोलपा, रूद्र सिंह भंवर सिंह, महिपाल सिंह ,कुलदीप सिंह खंगारोतए विजय सिंह नरुका, भूपेंद्र नरुका भी साथ रहे। राष्ट्रीय करणी सेना ने इसके लिए सरकार, सर्व समाज, प्रशासन का आभार जताया और कहा कि जनभावना और राजपूत समाज को ध्यान रखते हुए यह काम शुरू किया गया।

हाड़ा ने खुद को अलग किया.

बूंदी. पूर्व नरेश राव सूरजमल छतरी प्रकरण में चल रहे आंदोलन से सेवानिवृतः ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा ने खुद को अलग कर लिया। शुक्रवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि छतरी के पुनर्निर्माण के लिए उन्होंने आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाया। वे शुक्रवार को छतरी के निर्माण के लिए पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन अब वे इस प्रकरण से अपने को अलग कर रहे है।

मकराना भी मौके पहुंचे

राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना भी शुक्रवार को छतरी स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन ने उनकी मांग स्वीकार कर पुरानी जगह पर ही छतरी बनाई जा रही है। पेनोरमा भी बनेगा। छतरी के खण्डित अवशेष उसी में रखा जाएगा। इसका भूमिपूजन भी हुआ। यह सबके ' संघर्ष की जीत है।