नगर निगम कोटा दक्षिण में आज आयोजित बोर्ड बैठक को लेकर कांग्रेस पार्षद दल ने गंभीर आपत्ति जताई है। उपमहापौर पवन मीना ने आयुक्त नगर निगम को पत्र लिखकर बैठक के निरस्तीकरण की मांग की और बैठक को नगर पालिका अधिनियम 2009 के खिलाफ बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।
मीना ने अपने पत्र में बताया कि बोर्ड बैठक की सूचना 7 दिन पहले दिए जाने का नियम है, लेकिन सूचना 1 अक्टूबर को देर रात मिली, जो नियमों का उल्लंघन है। इसके अलावा, बैठक का समय सुबह 10 बजे से पहले निर्धारित किया गया और जल्दी समाप्त कर दी गई, जिससे पार्षदों को चर्चा का उचित अवसर नहीं मिला।
उपमहापौर पवन मीना ने यह भी कहा कि, "राज्य सरकार के स्पष्ट आदेशों के बावजूद बैठक में अतिरिक्त मुद्दों पर चर्चा की गई, जो नियमों के खिलाफ है। महापौर राजीव अग्रवाल, जिन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है, अब इस पद पर बने रहने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं रखते। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है, और नई महापौर का चुनाव अनिवार्य है। उनके अध्यक्षता में आयोजित बैठक पूरी तरह से अवैध है।"
मीना ने चेतावनी दी कि, "अगर नगर निगम प्रशासन संविधान और अधिनियम की रक्षा नहीं करता, तो कांग्रेस पार्षद न्यायालय और एसीबी का सहारा लेने को विवश होंगे। हम अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।"
कांग्रेस पार्षद दल ने इस मामले को स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभाग मंत्री, प्रमुख शासन सचिव, जिला कलेक्टर और अन्य उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया है, ताकि उचित कार्यवाही हो सके।