कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने दावा किया है कि 30 से 50 लाख रुपए रिश्वत लेकर मौत के सौदागरों का आरएमसी में फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किया गया है. उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले ही सीएम भजनलाल शर्मा को व्यक्तिगत रूप से 24 सितंबर को जानकारी दे चुके हैं. किरोड़ी लाल ने बताया कि सीएम को लेटर लिखा कि आरएमसी में पिछली सरकार में शुरू हुआ फर्जीवाड़ा आगे भी चलता रहा. राजस्थान मेडिकल काउंसिल में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. काउंसिल ने डिग्री देखे बिना जाली कागजात के आधार पर कई को डॉक्टर बना दिया. कई के पास न MBBS डिग्री थी और न ही कही इंटर्नशिप की थी. आरएमसी के फजी रजिस्ट्रेशन मामले में चिकित्स एवं स्वास्थ मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पांच सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी.  समिति की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर काउंसिल के रिजस्ट्रार डॉ. राजेश शर्मा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी अखिलेश माथुर और कनिष्ठ सहायक फरहान हसन को सस्पेंड कर दिया गया है. इस पर का अतिरिक्त कार्यभार सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रमुख विशेषज्ञ सर्जरी डॉ. गिरधर गोपाल गोयल को दिया गया है. हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार में प्रथम दृष्टया रजिस्ट्रेशन में खामियां सामने आई हैं. रजिस्ट्रेशन में लापरवाही और अनियमितता से संबंधित तथ्य भी सामने आए हैं. रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया गया है. फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कार्मिकों पर सख्त एक्शन लेंगे. किसी भी स्तर पर अनियमितताएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. चिकित्सा मंत्री ने मामले की गहन जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे. कमेटी ने मंगलवार शाम को अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. जिसके आधार पर आरएमसी के रजिस्ट्रार को निलंबित किया गया. जल्द ही, कमेटी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.