फिनटेक कंपनी भारतपे ने अपने पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के साथ विवादों पर शर्तों के साथ समझौता कर लिया है। शर्तों के तहत ग्रोवर कंपनी में किसी भी तरह से जुड़े नहीं रहेंगे और न ही उसकी शेयरहोल्डिंग का पार्ट होंगे।भारतपे ने सोमवार को एक ऑफिशियल बयान में कहा कि ग्रोवर के कुछ शेयर कंपनी के बेनिफिट के लिए 'रेसिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट' को ट्रांसफर किए जाएंगे और उनके बाकी बचे शेयरों को उनकी फैमिली ट्रस्ट मैनेज करेगी। भारतपे के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने विवादों पर फाइल केस को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है। हम ग्रोवर को शुभकामनाएं देते हैं। भारतपे अपने मर्चेंट्स और कस्टमर्स इंडस्ट्री में सबसे बेहतर सॉल्यूशन डिलिवर करने पर फोकस करते रहेंगे।रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च 2022 में कंपनी ने ग्रोवर को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटा दिया था, जिसके बाद दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी। समझौते के बाद अशनीर ग्रोवर ने अपने X हैंडल पर लिखा कि उन्हें मैनेजमेंट और बोर्ड पर पूरा भरोसा है, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने में बेहतरीन काम कर रहे हैं। 'मैं कंपनी के ग्रोथ और सक्सेस के साथ जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी केपेसिटी में भारतपे से जुड़ा नहीं रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा रहूंगा। कंपनी में मेरे बचे हुए शेयरों का मैनेजमेंट मेरी फैमिली ट्रस्ट करेगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी स्टेकहोल्डर्स के हित के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।'