विदेश मंत्री यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की 79वीं मीटिंग में पाकिस्तान पर निशाना साधा। अपने 20 मिनट के भाषण में उन्होंने पाकिस्तान की दशकों पुरानी आतंकवाद नीति पर खुलकर बात की।जयशंकर ने कहा- कई देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान इसका बेहतरीन उदाहरण है। वो अपने कर्मों का फल भुगत रहा है। उसकी GDP को केवल कट्टरपंथ और आतंकवाद फैलाने के रूप में मापा जा सकता है। पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं हो सकती और न ही होगी। 1947 में अपने गठन के बाद से पाकिस्तान सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वो अपने विनाशकारी परिणामों के साथ जानबूझकर लिए गए निर्णयों के कारण पीछे रह गया है। जयशंकर ने इस्लामाबाद की आतंकी पॉलिसी पर कहा कि ऐसी राजनीति अपने लोगों (पाकिस्तानी) में इस तरह की कट्टरता पैदा करती है, तो इसकी जीडीपी को केवल कट्टरपंथ और आतंकवाद फैलाने के रूप में मापा जा सकता है।पाकिस्तान की अपने युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की पॉलिसी पर जयशंकर ने कहा- आज हम देखते हैं कि दूसरों पर जो बुराइयां लाने की कोशिश की गई थीं, वो पाकिस्तान के अपने समाज को निगल रही हैं। पाकिस्तान दुनिया को दोष नहीं दे सकता, ये केवल कर्म है। जयशंकर ने कहा कि दूसरों की जमीन पर लालच करने वाले एक निष्क्रिय राष्ट्र का पर्दाफाश करना चाहिए। उसका मुकाबला किया जाना चाहिए। हमने कल इस स्टेज पर इसके कुछ अजीब दावे सुने।उन्होंने कहा कि मैं भारत की स्थिति को पूरी तरह से स्पष्ट कर दूं। पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी। और उसे सजा से बचने की कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उलटे काम के परिणाम जरूर सामने आएंगे।