'अयोध्या में मंदिर खोला, वहां अडानी दिखे, अंबानी दिखे, पूरा बॉलीवुड दिख गया। लेकिन, एक भी गरीब किसान नहीं दिखा। सच है...इसलिए तो अवधेश ने इनको पटका है। अवधेश वहां के एमपी हैं। इसलिए तो वो जीता है। सबने देखा, आपने राम मंदिर खोला, सबसे पहले आपने राष्ट्रपति से कहा कि आप आदिवासी हो। आप अंदर आ ही नहीं सकती, अलाउ नहीं है। आपने किसी मजदूर, किसान, आदिवासी को देखा, कोई नहीं था वहां। डांस-गाना चल रहा है। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं, सब देख रहे हैं।'रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 26 सितंबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान यह बयान दिया। उनके इस बयान के बाद से विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा, इन्होंने लिखित इनकार भेजा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में कोई कांग्रेसी नहीं जाएगा। आपकी 3 पीढ़ियां बाबर की कब्र पर जाकर सजदा कर चुकी हैं।वहीं, अयोध्या के साधु-संत भी राहुल के बयान से नाराज हैं। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास और हनुमानगढ़ी के महंत ने राहुल को घेरा है। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा- कांग्रेस सरकार शुरू से नकार रही है कि राम का अस्तित्व नहीं है। ऐसे में उनके नेता तो ऐसा बोलेंगे ही। जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। प्राण प्रतिष्ठा को राहुल जी अगर नौटंकी बता रहे हैं, तो उनकी ऐसी भावना रही होगी। उनकी नजर में यह नौटंकी है, लेकिन भक्तों की नजर में प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना हुई है। राजू दास ने कहा- राहुल गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम निंदा करते हैं। मांग करते हैं, उन हिंदू संगठन और सेक्युलर लोगों से कि वो राहुल गांधी के लिए प्रार्थना करें। उनकी बुद्धि खराब हो गई है। उन्हें यही नहीं पता है कि 500 साल के संघर्ष के बाद लाखों हिंदू जनमानस ने त्याग किया। उसके बाद यह पल आया।