बूंदी ।  राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को आयोजन किया गया। 

जिले के न्यायालयों में लम्बित एवं प्री-लिटिगेशन मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रेफर कर कुल 12 न्यायपीठों गठित करते हुए पक्षकारान् के मध्य समझाइश करवाकर आम जन को शीघ्र व सुलभ न्याय दिलवाने का प्रयास किया गया। 

राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सत्र न्यायाधीश) अध्यक्ष अजय शुक्ला द्वारा सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया। 

इस दौरान न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण क्रम संख्या 1 अर्चना मिश्रा, न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण क्र.सं. 2 नीरजा दाधीच, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सरिता मीणा व अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष ने कहा कि लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामें से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारान् की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। लोक अदालत में शीघ्र व सुलभ न्याय मिलता है। निर्णय की कोई अपील नहीं होती है। सिविल कोर्ट के आदेश की तरह पालना होती है, कोर्ट फीस की वापसी होती है, विवाद का अन्तिम रूप से निपटारा व समय की बचत होती है। 

उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत शिविर में पुराने प्रकरणों तथा पारिवारिक विवाद वाले प्रकरणों में राजीनामें के विशेष प्रयास किये जाने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि समाज में आपसी सौहार्द बना रहे। साथ ही आमजन से अपील की जाती है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक फायदा उठायें।