केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से संजीवनी मामले में क्लीन चिट मिलने पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एसओजी पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने बयान जारी कर कहा- संजीवनी प्रकरण को लेकर केंद्री मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के मामले में हाईकोर्ट का फैसला अदालत के सामने अब SOG की तरफ से रखे गए तथ्यों के आधार पर आया है।राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद SOG ने हाईकोर्ट में यू-टर्न ले लिया। इस केस के जांच अधिकारी को भी हटा दिया गया और भाजपा सरकार के नामित सरकारी वकीलों ने भी केंद्रीय मंत्री का ही पक्ष लिया। अब राज्य में सरकार बदलने के बाद SOG पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया जिसके कारण SOG ने कोर्ट में यू-टर्न लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना है। गहलोत ने एक्स पर लिखा- इस सबके बावजूद हाईकोर्ट ने मंत्री की याचिका के अनुरूप FIR को रद्द नहीं किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की इजाजत लेकर आगे कार्रवाई की जा सकती है। SOG ने 12 अप्रैल 2023 को सरकारी वकील को लिखे गए पत्र इस केस की तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी।इसके पेज नंबर 7 पर केंद्री मंत्री गजेंद्र शेखावत और उनके परिजनों की अपराध में संलिप्तता होने की बात लिखी और आरोपी माना। इस रिपोर्ट में लिखा गया कि जिन कंपनियों की संलिप्तता संजीवनी घोटाले में है उनसे गजेंद्र सिंह शेखावत का सीधा संबंध है।