बूंदी । राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश व्यापी आह्वान पर 26 सितंबर  को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के संरक्षक पुरुषोत्तम पारीक के नेतृत्व में, उपाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार मीणा, कैलाश मेघवाल,हरिराम चौधरी, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक सुरेंद्र सिंह सोलंकी, लोकेश सैनी,गोपाल लाल जाटव,संयुक्त मंत्री हीरा लाल सैनी,केवल कुमार सैनी,सदस्य आबिद हुसैन , महावीर मीणा, जगतारण वर्मा आदि ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव के नाम जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा एवम उपखंड अधिकारी बूंदी एच डी सिंह के माध्यम से महासंघ के 11 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में 11 सूत्री मांगे इस प्रकार है- पीएफआरडीए अधिनियम को निरस्त कर राज्य कर्मचारियों के 41000 करोड रुपए वापस जीपीएफ खाते में जमा करने और राजस्थान में परिभाषित पुरानी पेंशन योजना जारी रखने की पुरजोर मांग की और कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची पांच के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जाने ,आठवें वेतन आयोग का अविलंब गठन करने, प्रत्येक 5 वर्ष की अवधि में एक बार वेतन संशोधन लागू करने ,9 ,18 ,27 वर्ष की सेवा पर माननीय मुख्यमंत्री की बजट घोषणा संख्या 155 के अनुसार एसीपी के स्थान पर 7,14 ,21 एवं 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत करने ,विभिन्न कर्मचारी संगठनों से सरकार द्वारा किए गए समझौते एवं सहमतियों को लागू करने, माह जनवरी 2019 से माह जून 2021 तक का महंगाई भत्ते के एरियर का नगद भुगतान करने, सहायक कर्मचारी को एमटीएस घोषित करने ,अध्यापकों को तृतीय वेतन श्रंखला के स्थानांतरण करने तथा सभी कार्मिकों के लिए पारदर्शी स्थानांतरण नीति लागू करने ,ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत कार्मिकों को ग्रामीण भत्ता स्वीकृत करने ,सभी संविदा ,आउटसोर्स ,दैनिक वेतन भोगी नियुक्तियां बंद करने तथा सभी संविदा अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों का दर्जा देकर वेतनमान देने , सभी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी रिक्त पदों को नियमित नियुक्तियों से भरने ,प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत करने, प्रदेश के विभिन्न विभागों पंचायती राज संस्थाओं एवं निगम बोर्ड के हजारों कर्मचारियों/ अधिकारियों की समय बद्ध पदोन्नति करने जैसी मांगे शामिल है।