कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से रोटेदा रोड स्थित जिला मुख्यालय पर आयोजित किए जा रहे 16 दिवसीय श्राद्ध श्रद्धांजलि महोत्सव के तहत् गुरुवार को नवमी का श्राद्ध तर्पण किया गया। अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में विश्व विख्यात प्रेरणा प्रदत दिवंगत महिलाओं की आत्मशांति के लिए तर्पण किया गया।
संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी तथा अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने बताया कि चित्तौड़ दुर्ग में हजारों वीरांगनाओं ने अपनी आन बान की रक्षा के लिए धधकती ज्वाला में कूदकर अपने प्राण की आहुतियां दी थी।उन्होंने काव्यपाठ करते हुए कहा कि भगवा है पद्मिनी के जौहर की ज्वाला, मिटाती अमावस, लुटाती उजाला, एक नया इतिहास रच डाला, चीता तो थी एक लेकिन जलने के लिए हजारों खड़ी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय नारी अपने साहस और समर्पण के लिए प्रसिद्ध है। महारानी लक्ष्मीबाई, पन्नाधाय, हाड़ी रानी, सरोजिनी नायडू, इंदिरा गांधी, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, मदर टेरेसा, अहिल्याबाई होलकर, स्वर कोकिला स्वर्गीय लता मंगेशकर, महारानी विक्टोरिया, महारानी एलिजाबेथ जैसी विश्व विख्यात दिवंगत महिलाओं की आत्मशांति के लिए तर्पण किया गया।
संस्थान कोटा जिला मुख्यालय पर 16 महिलाओं को आमंत्रित किया गया। अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी, नीलम शर्मा, कुसुम सिंह, नीलम सिंह, नंदकंवर सिंह ने दीपा हाडा, सरोज हाडा, नंद कंवर,
कुसुम सिंह, संगीता कंवर, हेम कंवर, मोनिका कंवर, सूरज कंवर, मनोरमा, कविता शर्मा, हर्षा मोदी, नीतू शर्मा, नीलम शर्मा को मोती की माला, दुपट्टा, केसरिया साफा पहनाकर स्वागत किया। उन्हें शौर्य और साहस का प्रतीक सरोपा भेंट की। सभी ने मिलकर महिला सशक्तिकरण के गगनभेदी नारे लगाए।
आज का श्राद्ध तर्पण अनिल कुमार शर्मा, लक्ष्मी नारायण गर्ग, हेमंत सिंह, धर्मपाल सिंह, कमल सिंह सोलंकी, अलका दुलारी जैन कर्मयोगी, हेमंत सिंह, लक्ष्मीनारायण गर्ग, कमल सिंह सोलंकी, नरेंद्र सिंह जादौन, किशन गोपाल मोदी, एडवोकेट बबीता आर्य द्वारा किया गया।
राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि शुक्रवार को दशमी का श्राद्ध दिवंगत खिलाड़ियों, चित्रकारों, कलाकारों, पत्रकारों, लेखक एवं साहित्यकारों, गीत संगीतकारों के साथ ही देश हित में कार्य करने वाले पूर्व शासकों की आत्म शांति हेतु समर्पित किए जाएंगे।