2023 की महत्वपूर्ण राजकीय यात्रा के बाद, 21 सितंबर को क्वाड लीडर्स समिट और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के लिए प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रही है.राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को कन्फर्म किया कि अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी को परिभाषा देने वाली साझेदारी है. अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) ने एक बयान में कहा, "क्वाड शिखर सम्मेलन और द्विपक्षीय चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों लोकतंत्रों के साझा हितों को रेखांकित किया है. हालांकि, 21वीं सदी की तत्काल चुनौतियों का समाधान करने के लिए उन हितों को साझा प्राथमिकताओं तक बढ़ाना और विस्तारित करना महत्वपूर्ण है."बयान में कहा गया है, "थोड़े समय में ही हमने जबर्दस्त प्रगति देखी है क्योंकि अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है."रक्षा साझेदारी महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर पहल की सफलता और उसके बाद भारत-अमेरिका रक्षा को बढ़ाने का इको-सिस्टम  (इंडस-एक्स) के साथ हुआ है. ये अंतरिक्ष, अर्धचालक, ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और उन्नत दूरसंचार समेत प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को गहरा करने और विस्तारित करने में महत्वपूर्ण रहे हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री की तकनीकी सीईओ के साथ गोलमेज बैठक से पता चलता है. बयान के अनुसार, "एक नया अर्धचालक निर्माण स्थापित करने की योजना भारत की विनिर्माण क्षमता को फिर से संगठित करेगी, उच्च तकनीक क्षेत्र को बढ़ावा देगी, राष्ट्रीय सुरक्षा और सप्लाई चेन्स को मजबूत करेगी और अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित करेगी."