मुंबई। मुंबई में आने वाले समय में लोगो को घंटों ट्रैफिक में नहीं जूझना पड़ेगा। आने वाले पांच सालों में घंटों का समय मिनटों में पूरा होगा। दरअसल, मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने देश की आर्थिक राजधानी की तस्वीर बदलने का खाका तैयार किया है।
आने वाले समय में लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी और यातायात सुगम होगा। रिंग रोड परियोजना के तहत मुंबई में सड़कों, पुलों और सुरंगों का जाल बिछेगा। कुल आठ रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। मास्टरप्लान के मुताबिक 2029 तक रिंग रोड परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है।
58 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई में बाहरी रिंग रोड को आंतरिक रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। इनके आपस में जुड़ने से मुंबई के चारों हिस्सों में निर्बाध और सुगम तरीके से लोग पहुंच सकेंगे। यही वजह है कि मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण और महानगर क्षेत्र के नियोजन प्राधिकरण ने 90.18 किमी सड़क नेटवर्क को भी मंजूरी दी है। इन शहरों के निर्माण पर 58,517 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।
बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस
लोग मुबंई रिंग रोड में सिग्नल मुक्त यात्रा कर सकेंगे। परियोजना पर बृहन्मुंबई नगर निगम, एमएमआरडीए और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम मिलकर काम कर रहे हैं। मुंबई महानगर क्षेत्र में फ्लाईओवर, नई सड़कों का निर्माण और मेट्रो के अलावा झुग्गियों का विकास भी किया जाएगा। सरकार का पूरा फोकस मायानगरी में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर है। अनुमान के मुताबिक इस परियोजना पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं।
रिंग रोड से जुड़ेंगी ये प्रमुख सड़कें
वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक, वर्सोवा-दहिसर लिंक रोड व अलीबाग-वीरार मल्टी मॉडल कॉरिडोर और वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे को मुंबई रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। रिंग रोड के तैयार होने के बाद उत्तर में गुजरात के वडोदरा सीमा और महाराष्ट्र में अलीबाग व नवी मुंबई-ठाणे तक पहुंच आसान होगी।
मौजूदा समय में मुंबई में कई परियोजना पर काम जारी है। वहीं कुछ परियोजनाएं आने वाले समय में शुरू होंगी तो कई मौजूदा समय में चालू हैं। सरकार का पूरा ध्यान पूर्वी मुंबई से पश्चिमी मुंबई के मध्य संपर्क को मजबूत करने पर है।